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चुनाव परिणाम के बाद हरियाणा के इन जिला अध्यक्षों को हटाए जाने की तैयारी में भाजपा

सत्य खबर, चंडीगढ़ ।
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा बीजेपी में घमासान मचा हुआ है। इसे थामने के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीएम नायब सिंह सैनी ने कमान अपने हाथों में ले ली है। आज सीएम नायब सैनी ने चंडीगढ़ के संत कबीर कुटीर में प्रदेश के सभी जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई है। यह बैठक मुख्यमंत्री ने प्रत्याशियों के फीडबैक के बाद बुलाई है।

बताया जा रहा है कि प्रत्याशियों ने 5 बीजेपी जिला अध्यक्षों का फीडबैक दिया था, जिसमें पैसे की हेराफेरी, काम न करने और चुनाव में विरोधियों की मदद करने जैसे आरोप लगाए गए हैं। ये सभी शिकायतें मिलने के बाद पूरे प्रदेश के जिला अध्यक्षों को बुलाया गया है। सीएम आज बैठक में सख्त संदेश दे सकते हैं। साथ ही वे सभी 5 जिला अध्यक्षों को खुद पद छोड़ने को कह सकते हैं। इन जिला अध्यक्षों में सिरसा, फतेहाबाद, जींद, हिसार के जिला अध्यक्ष शामिल हैं। एक जिले का नाम अभी साफ नहीं हुआ है।

दरअसल, 26 मई को पंचकूला में मीटिंग के दौरान सोनीपत से भाजपा प्रत्याशी ने जींद जिलाध्यक्ष राजू मोर, हिसार से भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला ने आशा खेदड़, सिरसा से प्रत्याशी अशोक तंवर ने सिरसा और फतेहाबाद के जिलाध्यक्ष की शिकायत दी थी।

जिसमें पैसे गबन से लेकर, निष्क्रियता, विरोधियों की मदद करना और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने जैसे आरोप लगे थे। हालांकि मुख्यमंत्री तक यह शिकायतें पहले भी आ रही थी मगर जब फीडबैक मीटिंग में भाजपा प्रत्याशी लिखित में शिकायत देने को भी तैयार हो गए तो नायब सैनी ने जल्द ही इन अध्यक्षों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।

बड़े अधिकारियों पर गाज
बता दें, सबसे पहले भाजपा ने 26 मई को चंडीगढ़ में पार्टी प्रत्याशियों, लोकसभा प्रभारियों, संयोजकों और विस्तारकों की बैठक में प्रत्येक लोकसभा सीट का फीडबैक लिया। इसके बाद 27 मई को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम में कहा था कि कांग्रेस ने सिरसा और रोहतक सीट पर बोगस वोटिंग कराई है।

जिन कर्मियों की मिलीभगत से बोगस वोटिंग हुई है, उनके खिलाफ चार जून के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 4 जून के बाद सिरसा और रोहतक के अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। इसमें आईएएस और आइपीएस स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं।

भाजपा ने चुनाव से पहले 18001038437 टोल फ्री नंबर जारी किया था। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति मतदान से संबंधित शिकायत दर्ज करवा सकता था। इस कंट्रोल रूम में बैठे भाजपा के कार्यकर्ता हर जिलों के हिसाब से बनाए वॉट्सऐप ग्रुप में एक्टिव रहे। इन शिकायतों के आधार पर चुनाव आयोग में शिकायत करने और ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची तैयार की जाएगी, जिन्होंने जानबूझकर मतदान धीमा करवाया और बोगस पोलिंग करवाई। सबसे ज्यादा शिकायत हिसार, सिरसा, सोनीपत, रोहतक, करनाल और कुरुक्षेत्र से आई है।

सरकार ले सकती है एक्शन
चुनावों में भाजपा को हराने का सपना देखने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की रिपोर्ट सरकार जिलाध्यक्ष के मार्फत लेकर उन पर जल्द कार्रवाई कर सकती है। सरकार इस मामले में कर्मचारियों पर कार्रवाई कर सकती है। इसमें नूंह में तबादला, डेपुटेशन पर भेजने और गृह जिले से दूर तैनाती जैसी कार्रवाई हो सकती है, ताकि अधिकारियों को सबक सिखाया जा सके।

आपको बता दें कि हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी से सीएम नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर नाराज चल रहे हैं। उनकी ये नाराजगी लगातार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिखाई भी दी थी। पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्‌टर और अब सीएम नायब सैनी लगातार अफसरों को निशाने पर ले रहे हैं। सही से काम करने की चेतावनी भी दे रहे हैं।

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