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जजपा को एक बार फिर लगा जोर का झटका, इन दो नेताओं ने कहा पार्टी को अलविदा

सत्य खबर , चंडीगढ़ ।

जननायक जनता पार्टी (जजपा) को चुनावी नतीजे आने के एक सप्ताह के अंदर 2 झटके लगे हैं। सोनीपत से जजपा के उम्मीदवार रहे भूपेंद्र मलिक और खरखौदा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके पूर्व चेयरमैन पवन खरखौदा ने पार्टी को अलविदा कह दिया। दोनों नेताओं ने मंगलवार को चंडीगढ़ में सीएम नायब सैनी की अगुवाई में भाजपा जॉइन की। दोनों नेताओं ने मतगणना के अगले ही दिन यानी 5 जून को जजपा के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।

भूपेंद्र सिंह मलिक ने सोनीपत से हाल ही में लोकसभा का चुनाव लड़ा था और उनकी जमानत जब्त हो गई थी। भूपेंद्र मलिक को कुल 7820 वोट मिले थे। वह चुनाव में पांचवें नंबर पर रहे। भूपेंद्र मलिक का पैतृक गांव भैंसवाल कलां ​​​​बरोदा विधानसभा में हैं। वर्तमान में वह परिवार के साथ गोहाना में पार्क रोड पर रहते हैं। कांग्रेस में रहते हुए उनके व उनके परिवार के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ नजदीकी संबंध थे। हुड्डा ने उनको गोहाना मार्केट कमेटी का चेयरमैन बनाया था।

भूपेंद्र मलिक ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में बरोदा सीट से टिकट न मिलने पर कांग्रेस छोड़ दी थी।​​​​ इसके बाद जजपा का दामन थामकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस दौरान वह तीसरे स्थान पर रहे थे।

हरियाणा में इनेलो पार्टी से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी (जजपा) इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है। 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतने वाली जजपा को लोकसभा चुनाव में मुंह की खानी पड़ी। 10 की 10 लोकसभा सीटों पर ना केवल हार हुई बल्कि जमानत भी जब्त हो गई। जजपा का वोट शेयर पूरे हरियाणा में 0.87% रहा, जो बसपा और इनेलो से भी कम है। पूरे हरियाणा में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा।

लोकसभा चुनाव से पहले जजपा में बगावत शुरू हो गई थी। प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर ली थी वहीं इसके अलावा जजपा की राष्ट्रीय महासचिव और नारनौल नगर परिषद की चेयरपर्सन कमलेश सैनी ने भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जजपा की प्रदेश महासचिव रेखा शाक्य, प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र लेगा और प्रदेश महिला सचिव ममता कटारिया ने भी पार्टी को अलविदा कर दिया था।
3 दिन पहले जेजेपी ने अपनी सभी प्रमुख इकाइयां भंग कर दीं। जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला ने पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श के बाद ये निर्णय लिया था। राष्ट्रीय कार्यकारिणी, प्रदेश कार्यकारिणी, सभी जिला और हलका स्तर की कार्यकारिणी को तुरंत प्रभाव से भंग कर दिया है। हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों की कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को भी उनके पदों से मुक्त कर दिया गया है। अब जेजेपी जल्द ही नए पदाधिकारियों की घोषणा करेगी।

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