सत्य खबर
जम्मू कश्मीर को लेकर जब से केंद्र सरकार ने नया और बड़ा फैसला लिया है तभी से विपक्ष को भी अपनी सियासी जमीन हिलती नजर आ रही है। ये फैसला जम्मू कश्मीर में किसी भी भारतीय नागरिक द्वारा जमीन खरीदने से जुड़ा है, जिसने वहां की राजनीति को भी एक नई दिशा दे दी है। विपक्ष लगातार इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर रहा है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ इस नए कानून से दूसरे लोग खुश दिखाई दे रहे हैं। ये नया कानून उस पुराने कानून को खत्म कर देता है जिसमें जम्मू कश्मीर में किसी भी बाहरी राज्य के व्यक्ति को जमीन खरीदने की अनुमति नहीं मिलती थी।
भारतीय नागरिक होने का प्रमाण देना जरूरी
लेकिन, अब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में भूमि स्वामित्व अधिनियम संबंधी कानूनों में संशोधन कर पुराने नियम को खत्म कर दिया है। अब देश का कोई भी नागरिक जम्मू कश्मीर में जमीन खरीद सकता है। इसके लिए उसको वहां के स्थानीय नागरिक होने का कोई प्रमाण पत्र नहीं देना होगा। उसको केवल इस बात का सुबूत जरूर देना होगा कि वो भारतीय नागरिक है।
वर्षों बाद भी नहीं माना नागरिक
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में वर्तमान में गोरखा, वाल्मिकी समुदाय और पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के अलावा देश के विभिन्न भागों से आकर अस्थायी तौर पर करीब दो से तीन लाख परिवार रहते हैं। पुराने कानून के तहत इनको वर्षों बाद भी वहां का स्थानीय नागरिक नहीं माना गया। लेकिन, अब ये सभी लोग वहां पर अपने लिए जमीन या घर खरीद सकेंगे। नए नियम के तहत देश का कोई भी नागरिक अब जम्मू कश्मीर में अपने मकान, दुकान और कारोबार के लिए जमीन खरीद सकता है। गृह मंत्रालय द्वारा इसका नोटिफिकेशन भी जारी करवा दिया गया है।
डोमिसाइल होने पर ले सकते थे जमीन, लेकिन आती थी दिक्कत
केंद्र सरकार का यह फैसला जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत लिया है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि नए नियम से पहले जम्मू कश्मीर में 15 वर्ष की अवधि से अधिक समय से रह रहे व्यक्ति के पास यदि डोमिसाइल होता था तो वो यहां पर जमीन खरीदने का अधिकारी था। लेकिन, सच्चाई ये भी थी कि कई लोग डोमिसाइल के होते हुए भी जमीन नहीं खरीद पा रहे थे। नए कानून के बाद उनको भी अब राहत मिल जाएगी।
नहीं खरीद सकेंगे खेती की जमीन
आपको बता दें कि केंद्र द्वारा संशोधित किए गए कानून के तहत कोई भी भारतीय नागरिक रहने और कारोबार करने के लिए जमीन तो खरीद सकता है लेकिन वो खेती की जमीन नहीं खरीद सकता है। इस पर अभी रोक जारी रहेगी। इसके लिए वहां के स्थानीय निवासी होने का प्रमाण पत्र देना होगा।
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पहले का नियम
5 अगस्त 2019 से पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्य की अपनी एक अलग संवैधानिक व्यवस्था थी। उस व्यवस्था में सिर्फ जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिक जिनके पास राज्य का स्थायी नागरिकता प्रमाण पत्र होता था जिसे स्टेट सब्जेक्ट कहा जाता है, हो, वहीं जमीन खरीद सकते थे। अन्य राज्यों के लोगों को यहां जमीन खरीद का अधिकार नहीं था। हालांकि वह कुछ कानूनी औपचारिकताओं को पूरा कर पट्टे के आधार पर जमीन प्राप्त कर सकता था या किराए पर ले सकता था।
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