सत्य खबर, नारायणगढ़ (सरिता धीमान)। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाजपा महिला मोर्चा नारायणगढ़ द्वारा सैनी धर्मशाला नारायणगढ़ में आयोजित महिला सम्मेलन में शिरकत करने के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं गेल की डायरेक्टर बंतो कटारिया ने कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता। यत्रेतास्तु न पूज्यंते सर्वास्तत्राफला क्रिया अर्थात् जहां महिलाओं का सम्मान होता है व महिलाओं की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। लेकिन जहां पर ऐसा नहीं होता वहां सभी कार्य निष्फल होते हैं। भारतीय संस्कृति में नारी सम्मान की सम्पूर्णता महज इस श्लोक से ही स्पष्ट होती है। ऐसे में देश के सभी सपनें आधी आबादी की मजबूती के बिना अधूरे हैं। महिला शक्ति की यही आकांक्षा बीते 6 वर्ष में केंद्र सरकार की सोच और योजनाओं का केंद्र बनी है। शिक्षा, विज्ञान, राजनीति, उद्योग, खेल समेत हर क्षेत्र में महिला शक्ति आज आसमान छू रही है। सरकार के अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि आज राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व हो, सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल को उड़ाना हो, देश की सीमाओं पर दुश्मनों से मुकाबला करना, खेल जगत में दुनिया में देश का नाम रोशन करना या फिर स्वरोजगार के अवसरों का लाभ उठाकर बराबरी के साथ देश को आर्थिक मजबूती देना, महिला शक्ति न सिर्फ पुरूषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है बल्कि कहीं आगे निकलकर राष्ट्र का अभिमान बन रही है। महिलाओं ने अपनी अद्भुत क्षमता से यह साबित कर दिया है कि अगर उन्हें समान अवसर मिले तो सिर्फ घर ही नहीं अपितू एक समृद्ध गौरवशाली राष्ट्र का भी निर्माण कर सकती हैं। महिला सशक्तिकरण किसी भी समृद्ध राष्ट्र और राजनीति की चाबी है। यही वजह है कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रही हैं।
बंतो कटारिया ने कहा कि जनवरी 2016 में केंद्र सरकार ने अद्र्धसैनिक बलों में सिपाही पद पर 33 फीसदी महिला आरक्षण अनिवार्य किया गया है। यह एक ऐसा कदम है जो सुरक्षा बलों में महिलाओं के प्रति सोच को बदलने वाला है। उन्होंने कहा कि 2019 के आम चुनाव में पहली बार रिकॉर्ड 78 महिलाएं सांसद चुनकर आई हैं तो पंचायती राज व्यवस्था में भी 46 फीसदी महिलाएं अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। हरियाणा सरकार ने भी पंचायत चुनाव में 50 फीसदी महिला आरक्षण को बढ़ावा देकर महिलाओं का सम्मान बढ़ाया है। महिलाओं के स्वास्थ्य को केन्द्र सरकार ने 2014 से ही प्राथमिकता पर रखा है। मातृत्व और शिशु सुरक्षा के लिए 2016 में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शुरू किया गया जिसमें गर्भवती महिलाओं के लिए हर महीने की 9 तारीख को डॉक्टर द्वारा मुफ्त जांच की सुविधा है। इसका नतीजा है कि 2011-13 में गर्भवती महिलाओं में जो मृत्यु दर प्रति लाख 167 थी वह 2015-17 में घटकर 122 पर आ गई। इसी तरह शिशु मृत्यु दर भी 28 से घटकर 22 फीसदी पर आ गई। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से 1.82 करोड़ महिलाओं ने लाभ उठाया। महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सुरक्षित मातृत्व आश्वासन पहल, मिशन इंद्रधनुष, पोषण अभियान, किलकारी जैसी योजनाओं के जरिए महिलाओं को समय पर मातृत्व स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी, टीका, निर्देश और दवाइयों की सुविधा दिलाना है। बंतो कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उज्ज्वला योजना महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है। 5 साल पहले देश में 55 फीसदी परिवारों में ही रसोई गैस पर खाना पकता था लेकिन यह आंकड़ा 98 फीसदी पर पहुंच गया है। देश में 8 करोड़ गरीब परिवारों को इस योजना के तहत रसोई गैस के कनेक्शन दिए गए हैं। जिससे सरकार 10 करोड़ तक पहुंचाने के लक्ष्य पर काम कर रही है।
बंतो कटारिया ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा से लेकर उन्हें स्वावलंबन बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने भारतीय दंड संहिता में बदलाव करते हुए 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार पर फांसी की सजा का प्रावधान किया है वहीं 16 वर्ष से कम आयु की लड़कियों से बलात्कार के मामले में सजा को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल कर दिया गया। महिलाओं को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए भी जांच और ट्रायल को 2 महीने में पूरा करने का प्रावधान किया गया। घरेलू हिंसा जैसे मामलों से निपटने के लिए वन स्टॉप सेंटर बनाए गए। दिसंबर 2020 तक 733 केंद्र देश के 730 जिलों खोले जा चुके हैं। इनमें से 700 केंद्रों पर तीन लाख से ज्यादा महिलाओं के मामलों का समाधान किया गया। निर्भया फंड से देश में 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट , 100 करोड़ की लागत से महिला हेल्प डेस्क और 16 करोड़ की लागत से हिम्मत एप शुरू किया गया जो पुलिस और महिला के बीच एक सेतु का काम करता है। बालिकाओं और महिलाओं की तस्करी पर रोक लगाने के लिए संसद में बिल लाया गया जिसके तहत जबरन मजदूरी, वेश्यावृत्ति, यौन शोषण, जबरन विवाह आदि के लिए सजा का प्रावधान है। जो यह सुनिश्चित करता है कि ऐसे मामलों को तत्काल ट्रैक किया जा सके और न्याय मिले। बंतो कटारिया ने कहा कि स्कूलों में लड़कियों के ड्रॉप आउट की समस्या के विषय पर ध्यान देते हुए चार लाख से ज्यादा शौचालय छात्राओं के लिए स्कूलों में बनाए गए जिससे ड्रॉप आउट दर में काफी कमी आई है। इसके अतिरिक्त लड़कियों की शिक्षा हेतू केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति, सुकन्या समृद्धि योजना ने लड़कियों को आर्थिक बोझ समझने की मानसिकता को भी कमजोर किया। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी लड़कियां आगे आ रही हैं और 2014 के मुकाबले आईटीआई में दाखिला दोगुना हो गया है। विश्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि 2011 में जहां 59 फीसदी ( 15 वर्ष से ऊपर) लड़कियां शिक्षित थी। जो 2018 में बढकऱ 66 फीसदी पहुंच चुकी थी। पीएम आवास योजना के तहत संपत्ति में मालिकाना हक भी सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 38 लाख से ज्यादा मकान पूरी तरह से महिलाओं के नाम पर बनाए गए हैं तो बाकी मकानों में 56 फीसदी पति पत्नी के नाम पर सांझा हैं। मुस्लिम महिलाओं के आत्मसम्मान के लिए ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी बनाकर वर्षों पुरानी प्रथा का अंत किया गया ताकि मुस्लिम महिलाएं आत्मसम्मान से जी सके। जम्मू कश्मीर में गैर कश्मीरी से विवाह करने पर महिलाओं और उनके बच्चों को पैतृक संपत्ति के हक से वंचित कर दिया जाता था लेकिन अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त किए जाने के बाद इस क्षेत्र की महिलाओं को उसका हक मिला है।
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