सत्यखबर जींद (इन्द्रजीत शर्मा) – स्वास्थ्य विभाग द्वारा नवजात शिशुओं को ध्यान में रखते हुए नवजात शिशु देखभाल सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस सप्ताह के दौरान अभिभावकों को गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को लेकर जरूरी टिप्स दिए जाएंगे ताकि नवजात शिशुओं को मौसम परिवर्तन तथा बीमारियों से बचाया जा सके और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।
जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में शनिवार को नवजात शिशु देखभाल सुरक्षा सप्ताह के तहत सीएमओ डा. संजय दहिया की अध्यक्षता में शिशु नर्सरी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जबकि डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला तथा शिशु नर्सरी इंचार्ज डा. सीमा वशिष्ठ भी मौजूद रहे। सीएमओ डा. संजय दहिया ने कहा कि नौ महीने तक कोख में पालने और असहनीय प्रसव पीड़ा के बाद जब आपके गोद में बच्चे की किलकारियां गूंजती है तो आपकी खुशी दोगुनी हो जाती है।
मगर इस खुशी के साथ आपकी जिम्मेवारियां भी बढ़ जाती है, जोकि मां बनने की जिम्मेवारी होती है। पहली बार मां बनने के समय आपको यह पता नहीं होता है कि बच्चे की देखभाल कैसे करें। कैसे उसे गोद में लें, कैसे उसे दूध पिलाएं, कैसे उसे नहलाएं। इसी को लेकर इस सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है ताकि अभिभावक इन जानकारियों को हासिल कर सकें। इस सप्ताह का उद्देश्य शिशु मृत्यु दर को कम करना है।
डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि ऐसी कई जिम्मेवारियां हैं जो माता-पिता को बच्चे के जन्म से लोकर पांच साल तक काफी सावधानी और समझदारी से उठानी पड़ती है। सबसे पहले नवजात को गोद में उठाने से पहले हाथ को एंटी सेप्टिक सेनेटाइजर लिक्विड से अच्छी तरह धो लेना चाहिए ताकि बच्चे को कोई संक्रमण का खतरा न हो। क्योंकि बच्चों की रोग प्रतिरोधी क्षमता उतनी मजबूत नहीं होती है और वो बहुत जल्दी संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। बच्चे को उठाते समय उसके सिर और गर्दन को ठीक से पकड़े रहें, जैसे उनको स्पोर्ट दे रहे हों। एक हाथ सिर और गर्दन के नीचे और एक हाथ पैर के नीचे रखें और फिर पालने के झूले की तरह बच्चे को सपोर्ट दें। बच्चे को यह महसूस होना चाहिए कि वो झूले पर झूल रहा है।
डा. सीमा वशिष्ठ ने कहा कि यह सप्ताह 21 नवम्बर तक आयोजित किया जाएगा। इस सप्ताह के तहत नौ माह से पहले जन्मे बच्चे और जिन बच्चों का वजन पैदायश के समय कम होता है, उनका विशेष ध्यान रखे जाने की जानकारी अभिभावकों को दी जाती है। मां को चाहिए कि वो इस तरह के बच्चों को बार-बार स्तनपान करवाएं क्योंकि इस समय मां का दूध बच्चे के लिए अमृत समान होता है। मां एक ही स्तन से बच्चे को दूध पिलाएं और पूरी तरह से खाली करें। इसके अलावा अभिभावक बच्चों को निमोनिया से बचाव को लेकर टीकाकरण अवश्य करवाएं।
क्योंकि निमोनिया बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। जिन बच्चों का जन्म के समय वजन कम होता है या जन्म आठ माह में हुआ हो तो ऐसे बच्चों का तापमान मैनटेन रखना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में इन बच्चों को नर्सरी में रखने की आवश्यकता होती है और इसकी सुविधा नागरिक अस्पताल में निशुल्क उपलब्ध है। इसके साथ ही बच्चे व मां को कंगारू मदर केयर के बारे में भी जानकारी दी गई। इस मौके पर स्टाफ नर्स पूजा, मीना, काउंसलर प्रवीण भी मौके पर मौजूद रहे।
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