जीवन के हर क्षण राम नाम का बड़ा महत्व है – रामस्वरूपाचार्य
सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – वेदाचार्य दंडी स्वामी डा. निगमबोध तीर्थ महाराज के परम सानिध्य एवं बंधु सेवा संघ के तत्वाधान में नगर की पुरानी अनाज मंडी में चल रहे श्रीराम कृपा प्रेरणा उत्सव में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथावाचक पूज्यपाद श्री काद्मगिरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने कहा कि भगवान शिव व पार्वती का मूल स्वरूप श्रद्धा व विश्वास है। शब्द ब्रह्मा होता है और शब्द को संभाल कर बोलना चाहिए।
जीवन में अभिमान की शून्यता आ जाए तो श्रद्धा अपने आप आ जाएगी। उन्होंने कहा कि जीवन में राम नाम का बहुत महत्व है। जीवन के हर पल और हर क्षण में राम नाम चलन रहता है। बच्चे के जन्म में श्री राम के नाम का सोहर होता है। विवाह आदि मांगलिक कार्यों के अवसर पर श्री राम के गीत गाए जाते हैं। यहां तक कि मनुष्य की अंतिम यात्रा में भी राम नाम का ही घोष किया जाता है। राम सब में बड़े हैं तथा राम में शिव और शिव में राम विद्यमान हैं। श्री राम को शिव का महामंत्र माना गया है और राम सर्वमुक्त हैं।
राम सबकी चेतना का सजीव नाम है। श्री राम अपने भक्त को उसके हद्य में वास करके सुख सौभाग्य प्रदान करते हैं। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में लिखा है कि प्रभु के जितने भी नाम प्रचलित हैं उनमें सर्वाधिक श्रीफल देने वाला नाम राम का ही है। राम नाम सबसे सरल और सुरक्षित है और इसके जप से लक्ष्य की प्राप्ति निश्चित रूप से होती है। इस नाम मंत्र के जप के लिए आयु, स्थान, स्थिति, जात-पात आदि वाह्य आडंबर का कोई बंधन नहीं है। किसी क्षण और किसी भी स्थान पर इसे जप सकते हैं। जहां तक संभव हो हर घड़ी, हर क्षण राम का नाम समा जाए। ठीक वैसे ही जैसे ”मारुति के रोम रोम में बसा राम नाम है। जप के अतिरिक्त राम मंत्र को लिखकर भी आत्मशुद्धि की जा सकती है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे आज से ही मंत्र जप का सहारा लेकर दुर्भाग्य को दूर भगाएं और राममय हो जाएं।
इस मौके पर मुख्य रूप से गौसेवा आयोग के सदस्य श्रवण कुमार गर्ग, रामेश्वर दास गुप्ता, सतनारायण मित्तल, राजकुमार मित्तल, महावीर तायल, साधुराम तायल, ईश्वर कौशिक, साधूराम बंधू, श्रवण गोयल, सत्यप्रकाश गुप्ता, महेश गर्ग, अरविंद शर्मा, डा. सम्राट अशोक, टेकचंद बवेजा, वेद प्रकाश नंदवानी व दर्शन लाल मेहता सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।