हरियाणा

जीवन पत्ते पर पड़ी ओस की बूंद की तरह होता है – दीपक वशिष्ठ

सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – नगर के संकीर्तन भवन में श्रीहरि महिला संकीर्तन मंडल के तत्वावधान एवं वेदाचार्य दण्डी स्वामी निगमबोध तीर्थ महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में व्यासपीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथावाचक दीपक वशिष्ठ ने कहा कि सभी ग्रंथों व धर्मों का सार श्रीमद् भागवत गीता में है। जिसने मन से श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान की एक भी बात मन में धारण कर ली और उसका अनुसरण कर लिया तो समझो वह व्यक्ति भवसागर से पार हो गया।

इस मौके पर दण्डी स्वामी देवेश्वरानंद महाराज विशेष रूप से उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि बिना आत्मज्ञान के मानव की मुक्ति संभव नहीं हो सकती। प्राणीमात्र के आत्म कल्याण का रास्ता प्रभु स्मरण से होकर जाता है। सेवा, आत्मसमर्पण, विचार के द्वारा ही ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि जीवन पत्ते पर पड़ी ओस की बूंद की तरह से होता है जो कब लुढक जाए कुछ पता नहीं, इसलिए जीवन में जितने अच्छे कर्म किए जा सकें करने चाहिएं। सत्संग से आहार, विचार, कर्म वाणी व आचरण में शुद्धता मानव जीवन में प्रवेश करती है।

Haryana News: चंडीगढ़ MLA हॉस्टल में बम की धमकी, पुलिस ने किया तलाशी अभियान
Haryana News: चंडीगढ़ MLA हॉस्टल में बम की धमकी, पुलिस ने किया तलाशी अभियान

बुद्धिमान व्यक्ति वही है जो ज्ञान की हर बात को ग्रहण करे और अपने जीवन में अपनाएं। महापुरुषों के प्रवचनों पर अमल करने से हमें परम सुख की प्राप्ति होती है और सत्य के मार्ग पर चलने की भी प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा में दिए उपदेशों पर चलकर मनुष्य इस कलयुग में ईश्वर को प्राप्त कर सकता है। कथा ज्ञान का वह भंडार है, जिसके वाचन और सुनने से वातावरण में शुद्धि तो आती ही है, साथ ही मन और मस्तिष्क के पापों को भी काटता है।

Ambala Blackout: हर रात 10 घंटे अंधेरा, अंबाला में युद्ध के साए में लिया गया बड़ा फैसला!
Ambala Blackout: हर रात 10 घंटे अंधेरा, अंबाला में युद्ध के साए में लिया गया बड़ा फैसला!

Back to top button