सत्यख़बर,झज्जर (जगदीप राज्याण)
कृषि अध्यादेशों को रद्द कराए जाने की मांग को लेकर पिछले तीन माह से भी ज्यादा समय से टिकरी बॉर्डर आंदोलन स्थल पर डटे किसान अपने कदम से अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। किसान जहां आंदोलन स्थल पर गरमी से बचाव के लिए नए-नए विकल्प खोज रहे है वहीं उन्होंने सरकार की हठधर्मिता को भांपकर आंदोलन स्थल पर पक्के शौचालयों व पक्केकमरों के निर्माण के बाद अब आंदोलन स्थल केआस-पास ही सब्जियों की क्यारियां उगा डाली है।
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आंदोलन स्थल के आस-पास प्याज,टमाटर व मिर्च की प्योध किसानों द्वारा लगाई गई है। सबसे बड़ी बात एक ओर है कि किसानों ने आंदोलन स्थल पर ही इन सब्जियों की क्यारियां बनाए जाने के बाद खाली बोतलों से हरियाणा लिख कर आकृषण का केन्द्र आंदोलन स्थल को बना दिया है। हर कोई जो भी यहां से गुजरता है वह इसकी ओर देखकर आकृषित हो जाता है। उधर किसानों ने गरमी से बचाव के लिए बांस व टांटी से किसान हट तैयार करने का प्रयास शुरू किया है। धान की पराली से किसान सीट बनाकर जगह-जगह बैठकें बनाने को प्रयासरत है। विशेष बात यह है कि पंजाब व हरियाणा के किसान बैठकों में चाय पर किसान आंदोलन व अन्य राजनीतिक गतिविधियों की चर्चा करते है। किसानों का कहना है कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब आंदोलन की चूडिय़ां कसनी जरूरी हो गई है। उनका यह भी कहना था कि चुनावी राज्यों में भाजपा के खिलाफ वोट की अपील से सरकार पर दबाव बनेगा।
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