सत्यखबर,हरियाणा
हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव को केंद्र सरकार ने आईबी में अतिरिक्त निदेशक पद के लिए एक साल का एक्सटेंशन दिया है। अब मनोज यादव एक साल तक हरियाणा में डीजीपी पद पर बने रह सकते हैं। हालांकि उन्हें केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजना है या नहीं,यह अब भी प्रदेश सरकार पर निर्भर है। इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा, इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। अगर वह जाएंगे तो ही डीजीपी के नाम का नया पैनल केंद्र को भेजा जाएगा।
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दरअसल,हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव का दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। वर्तमान में वह एक्सटेंशन पर हैं, लेकिन यह अवधि भी पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन किसी भी प्रदेश में डीजीपी के लिए दो साल तक है। इसी गाइडलाइन को आधार बनाते हुए गृह मंत्री अनिल विज ने सरकार को नए नामों का पैनल भेजने के लिए पत्र लिख दिया था। डीजीपी मनोज यादव से अनिल विज खफा भी चल रहे थे। लिहाजा वे प्रदेश में नए डीजीपी की नियुक्ति चाहते हैं। अनिल विज ने गृह सचिव राजीव अरोड़ा को नए नामों का पैनल भेजने के लिए पत्र भी लिख दिया था। सूत्रों का कहना था कि मनोज यादव स्वयं भी केंद्र में सेवाएं देना चाह रहे हैं। आईबी में उनका लंबा अनुभव है और उनका केंद्र सरकार में डीजीपी रैंक पर एम्पैनलमेंट भी हो चुका है,इस लिहाज से वे आईबी मे स्पेशल डायरेक्टर के पद के लिए भी पात्र हैं।
केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक डीजीपी का कार्यकाल पूरा होने से पहले तीन नाम का पैनल भेजना होता है लेकिन हरियाणा में किसान आंदोलन के चलते यह संभव नहीं हो पाया। जिसके बाद अनिल विज ने दिसंबर में पैनल भेजने के लिए पत्र लिखा था लेकिन सरकर ने डीजीपी को अग्रिम आदेश तक एक्सटेंशन दे दी थी।
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