सत्यखबर
टूलकिट मामले में पुलिस रिमांड पर चल रही आरोपित दिशा रवि की जमानत अर्जी का शनिवार को दिल्ली पुलिस ने अदालत में विरोध किया। पटियाला हाउस की एक अदालत में सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा कि दिशा रवि ने साक्ष्य नष्ट किए हैं। करीब तीन घंटे तक चली बहस के बाद अदालत ने जमानत अर्जी पर फैसला मंगलवार के लिए सुरक्षित रख लिया।
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वहीं दिशा रवि की तरफ से अदालत में कहा गया है कि अगर किसानों के आंदोलन का समर्थन करना देशद्रोह है, तो बेहतर है कि वह जेल में रहे। पुलिस की तरफ से अदालत को बताया गया कि दिशा ने एक टूल किट तैयार जो कि खालिस्तान की वकालत करने वालों के दिशा-निर्देश पर किया गया। यह सब कुछ भारत की छवि को खराब करने के लिए किया गया है। पुलिस ने अदालत को बताया कि खालिस्तान समर्थक इस आंदोलन को अपने हक में लाकर अपना झंडा मजबूत करना चाहते हैं। यह सिर्फ एक टूल किट नहीं, बल्कि भारत को बदनाम करने का एक मसौदा था।
पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि दिशा रवि को पता था कि अगर वह कानूनी उलझन में फंसी तो उसकी वाट्सएप चैट और ई-मेल गले की फांस बन सकते हैं। इसलिए उसने सभी चैट और मेल डिलीट कर दिए। पुलिस ने कहा कि अगर दिशा ने कुछ गलत नहीं किया तो उसने अपना रास्ता साफ करने के लिए सक्ष्य नष्ट क्यों किए? यह उसे दोषी ठहराने के लिए काफी है।
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