दीपेंद्र हुड्डा ने डी मनोज बॉक्सर को कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने पर बधा
खिलाड़ी अपना टेस्ट खेल के मैदान में देता है, उससे बड़ा कोई टेस्ट नहीं
सत्यखबर, कैथल – गांव राजौन्द में सांसद दीपेंद्र हुड्डा बॉक्सर को कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने पर बधाई देने पहुंचे गांव में दीपेंद्र हुड्डा का भव्य स्वागत किया गया और आतिशबाजी की गई दीपेंद्र हुड्डा मनोज बॉक्सर द्वारा मीडिया में हुड्डा सरकार की खेल नीतियों की प्रशंसा से काफी प्रभावित थे और इसलिए आज मनोज बॉक्सर को बधाई देने उसके पैतृक गांव राजौन्द पहुंचे। अपने संबोधन में उन्होंने मनोज बॉक्सर की काफी तारीफ की और और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।
समारोह के उपरांत पत्रकार से बात करते हुए उन्होंने कहा मनोज ऐसे बॉक्सर हैं जो ओलंपिक में खेलने के बाद कॉमनवेल्थ में दोबारा मेडल जीतकर आए हैं। जबकि वह इस प्रतियोगिता के दौरान थोड़ा चोटिल भी थे। परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। मैं उम्मीद करता हूं आने वाले समय में वह देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर आएंगे। उन्होंने खेल नीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा की खेल नीति जो हुड्डा सरकार ने शुरू की थी पदक लाओ और पुरस्कार पाओ। जिसकी भावना यह थी कि खिलाड़ियों को उनके सम्मान के मुताबिक अच्छे पदों पर नौकरी मिले और प्रोत्साहन राशि मिले और जिस गांव से खिलाड़ी आता है उस गांव के विकास के लिए भी प्रोत्साहन राशि दी जाए। ताकि वह खिलाड़ी अपने गांव या शहर के लिए नए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर सके। उन लोगों का रुझान खेलों की तरह बड़े।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा सरकार इस नीति को आगे और बढ़ाने का काम करें। खिलाड़ियों को अच्छे पद दिए जाएं अच्छी प्रोत्साहन राशि दी जाए। अगर सरकार ऐसा करती है तो हम भी सरकार के इस कदम का स्वागत करेंगे। उन्होंने सरकार द्वारा जारी नई खेल नीतियों पर कुछ शंकाएं जताई की खिलाड़ियों को जो टेस्ट देने की बात की जा रही है उन्हें टेस्ट में रियायत दी जाए। क्योंकि खिलाड़ी अपना टेस्ट खेल के मैदान में करोड़ों लोगों के सामने देते हैं उस से बड़ा कोई टेस्ट नहीं होता।
उन्होंने खिलाड़ियों की इनाम राशि मे कटौती करने को लेकर सरकार से गुजारिश की की राशि मे कटौती ना कि जाए क्योंकि इससे खिलाड़ियों का मनोबल गिरेगा। उन्होंने मनोज को डीएसपी बनाने की मांग पर कहा कि सरकार उन्हें तुरंत डीएसपी बनाये। सरकार की नीति है कि इस खेल नीति से कम से कम खिलाड़ियों को फायदा पहुंचे क्योकि बीजेपी सरकार ने पिछले चार सालों में सिर्फ तीन खिलाड़ी लगाए हैं।