एक दुष्कर्मी की पत्नी को टिकट दे कर भाजपा ने एक बवाल खड़ा कर दिया है। लोग ये प्रश्न पूछ रहे है की क्या ये ठीक है? की क्या एक दुष्कर्मी की पत्नी को टिकट दे कर जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ तो नहीं किया जा रहा? आखिर क्यों? लोग राजनेताओं को भी अपराधी कहते है तो क्या यह सच है कि राजनीति और अपराध एक दूसरे के पर्याय है?
दुष्कर्म के आरोपी कुलदीप सिंह सेगल को भाजपा से निष्कासित कर देने के डेढ़ साल बाद भाजपा ने उनकी पत्नी को टिकट दी है। संगीता सेंगर कुलदीप सिंह सेगल की पत्नी है। संगीता फतेहपुर चौरासी से उन्नाव जिले पंचायत का चुनाव लडेगी। इससे पहले उन्होंने 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीता था। भाजपा प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह और महासचिव सुनील बंसल की मंजूरी का कारण 2018 में हुई कुलदीप सेंगर की गिरफ्तारी पर उनके परिवार को मिली सहानभूति है। यहां के कई लोगो के अनुसार यह बात ग़लत है कि वह एक दुष्कर्मी है यह उनको फसाने की एक घटिया साज़िश है।
वैसे हम इसे भी नजरअंदाज नहीं कर सकते कि दुष्कर्म पति ने किया था पत्नी ने नहीं । तो फिर उनके चुनाव में खड़े होने से कोई दिक्कत पैदा नहीं होनी चाइए।
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