सत्यखबर,अंबाला
अंबाला कैंट का ऐतिहासिक सरहिंद क्लब एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार डीआईजी अशोक कुमार और गृह मंत्री अनिल विज के भाई कपिल विज के साथ हुए विवाद को लेकर चर्चाओं में है। यह मामला काफी तूल पकड़ चुका है। दूसरी ओर सरहिंद क्लब के इतिहास पर नजर मारें, तो यह भी काफी रोचक रहा है। करीब 177 सालों का इतिहास इस क्लब का है। यह आज अंग्रेजों का सरहिंद के प्रति लगाव दर्शा रहा है।
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अंग्रेजों ने बेशक अंबाला कैंट को अपनी छावनी 1843 में बनाया हो, लेकिन उनका इरादा इससे आगे जाने का था। लेकिन परिस्थितियां ऐसी रहीं कि अंग्रजों को वापस अंबाला कैंट ही आना पड़ा। बात 1843 की है, जब अंग्रेजी सेना ने करनाल पड़ाव डाला था। लेकिन यहां की परिस्थितियों उनको सही नहीं लगी, जिसके कारण वे वहां से चल दिए। इसके बाद उन्होंने अंबाला कैंट में पड़ाव डाला।
अंग्रेज चाहते थे कि दिल्ली के बाद उनकी छावनी पंजाब के सरहिंद में बने। यहीं से वे पंजाब सहित आगे के क्षेत्र को कंट्रोल करना चाहते थे। इसके लिए वे अंबाला से चल दिए और अपना पड़ाव सरहिंद में डाला। लेकिन यहां पर मौसम रास नहीं आया, जबकि कई अंग्रेज बीमार तक हो गए।
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