सत्यखबर, रोहतक
बता दे की प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्तावित नरेला-रोहतक रोड बाईपास शहर को जाम मुक्त बनाने में सफल होगा। इससे शहरवासियों के साथ ही वाहन चालकों को भी राहत मिलेगी। फिलहाल बाईपास के लिए छह गांवों की जमीन पर सर्वे होने के बाद फाइल पीडब्ल्यूडी मुख्यालय गई है, जिस मुहर लगनी बाकी है।
अधिकारियों को कहना है कि मंजूरी मिलने के बाद आगामी प्रक्रिया पूरी करते हुए बाईपास का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।लंबे समय से दिल्ली, यूपी, राजस्थान समेत हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, झज्जर व कई जिलों के वाहन सोनीपत में रोहतक रोड और नेशनल हाईवे से सीधा बहालगढ़ रोड होते हुए शहर के बीचोंबीच निकलते हैं। हालांकि नेशनल हाईवे से गोहाना रोड बाईपास बनाया गया है।
इसके बावजूद शहर के अंदर रोजाना जाम की स्थिति रहती है। शहर में कई बार काफी लंबा जाम लग जाता है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी के मद्देनजर सरकार ने वर्ष 2017 में खासकर भारी वाहनों को शहर से बाहर निकालते हुए रोहतक रोड से नरेला तक बाईपास बनाने का निर्णय लिया था।
इसके लिए पीडब्ल्यूडी को कार्यभार सौंपा गया था।स्थानीय अधिकारियों ने इसका सर्वे भी करवा दिया है। अब फाइल मंजूर होने का इंतजार है।रोहतक रोड को जीटी रोड तक जोड़ने वाला यह बाईपास करीब पांच किलोमीटर प्रस्तावित है। इसके लिए छह गांवों की जमीन अधिगृहीत की जानी है। इनमें बैंयापुर, हरसाना कलां, हरसाना खुर्द, नसीरपुर बागंड़, जगदीशपुर और राठधना की जमीन शामिल हैं। इसके लिए कंसलटेंट एजेंसी ने अलाइनमेंट का सर्वे तो कर लिया है, लेकिन किस गांव की कितनी जमीन, कितना क्षेत्रफल, खर्च आदि की रिपोर्ट तैयार करने के लिए मुख्यालय की मंजूरी मिलनी बाकी है। इस बाईपास के निर्माण होने के बाद शहर में जाम से काफी छुटकारा मिलोगा।
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