नलोई की पंचायत की रुचि नहीं विकास कार्यों में, पंचों को ग्राम सभा की जानकारी तक नहीं
सत्यखबर सिवानी मंडी (सुरेन्द्र गिल) – प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार 22 जून को जल संरक्षण एवं जल प्रबंधन के सुधारीकरण के लिए ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया था। ग्राम सभाओं में जल भंडारण के सुधारीकरण में श्रमदान करने के लिए सभी ग्रामीण आमंत्रित किए जाने थे, लेकिन गाव में पंचायत के लोगो को ही नहीं पता, की मीटिंग कब, कहा होगी। सचिव कमल सिंह एक बार सचिवालय तो पहुंचे, लेकिन तुरंत वापिस चले गए। बताया जा रहा है कि अधिकांश वे पंच बैठक से नदारद दिखे, जिन्होंने गाव के लोगो ने पंच बनाया है। ग्राम सचिवालय में आयोजित इस बैठक में ग्राम पंचायत नलोई के पचों ने बैठक से किनारा किया।
गांव के ही लोगो में प्रताप मुंड, सूबेदार इन्द्र, प्रमोद खिचड़, गांधी गिल, लीलू गिल का आरोप है कि मीटिंग शुरू होने से पहले ही खतम कर दी गई थी। बता रहे है कि हम जैसे ही ग्राम सचिवालय पहुंचे तो सचिव व सरपंच वहां से भाग निकले। जब अधिकत्तर पंचों से फोन पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ग्रामसभा की जानकारी पंचों को दी नहीं गई, इसलिए हम पहुंच नहीं पाए। आपको बता दें कि गाम की पंचायत में कुल 11 पंच हैं।
देवकरण जांगड़ा ने बताया कि गांव में विकास का कोई भी काम नहीं हुआ। आज की मीटिंग में आते ही सचिव व सरपंच चले गए, कोई प्रस्ताव पास किया या नहीं इसके बारे में कोई बात नही हुई। हमारे गाव की ना ही बाहरी फिरनी बनाई गई और न ही नालियां बनीं। सरपंच ने भी इसको लेकर कोई प्रयास नहीं किया। विधायक और सांसद भी क्षेत्र के विकास पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
बैठक के लिए कागजों में पूरा किया जा रहा कोरम।
ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक पता चला है कि गांव में जागरूकता की कमी का फायदा सरपंच व सचिव बखूबी उठाते हैं। ग्राम सभा के नाम पर लोगों से घर पर ही हस्ताक्षर व अंगूठा लगवाकर कोरम पूरा करवा लेते हैं। इस कारण ग्रामीणों को शासन की योजनाओं की जानकारी समय पर नहीं मिल पाती। इसके अलावा ग्रामसभाओं में पारित होने वाले प्रस्ताव की भी ग्रामीणों को जानकारी नहीं होने के कारण सरपंच-सचिव मनमाने तरीके से प्रस्ताव पारित करा लेते हैं। अधिकांश गांव के लोगों को ग्रामसभा की जानकारी ही नहीं होती।
विकास से कोसो दूर है गांव नलोई
नलोई पंचायत में स्वास्थ्य सुविधाओं का भी बुरा हाल है। एक सीएचसी स्वास्थ्य केन्द्र है, जो अक्सर बंद ही रहता है। ऐसे में यहां के लोग राम के भरोसे रहते है। लोगों का कहना है पिछले पांच साल से स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके पंचायत में कोई काम नहीं हुआ।