सत्य खबर चंडीगढ़, महाबीर मित्तल: राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने स्ट्रीट लाईट टेंडर में हुए घोटाले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक तरफ तो सरकार अपने भाषणों में एमएसएमई को बढ़ावा देने की बात करती है, वहीं दूसरी और काम की बात आने पर अपने चंद नीजि लोगों के स्वार्थ को पूरा करने के लिए एमएसएमई को बर्बाद कर रही है। अशोक बुवानीवाला ने तथ्यों के आधार पर दावा किया है कि प्रदेश में स्ट्रीट लाइट्स के काम में बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए टर्न ओवर में बढ़ोतरी करके सरकार ने छोटी कंपनियों (एमएसएमई) को तो इस प्रक्रिया से पहले ही बाहर कर दिया था। प्रदेश सरकार की ओर से स्ट्रीट लाइट्स लगाने के लिए साढ़े 1100 करोड़ का टेंडर निकाला गया।
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वहीं अगर इसी काम को केंद्र सरकार की एजेंसी एनर्जी एफिशियंसी सर्विस लिमिटेड (ऐस्सल) मात्र 600 करोड़ रुपये में कर सकती है। एजेंसी ने इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भी भेजा, लेकिन उस पर कोई विचार नहीं किया गया। ऐसा करके हरियाणा सरकार ने केंद्रीय सतर्कता आयोग के दिशा-निर्देशों की भी अनदेखी की है। अशोक बुवानीवाला ने कहा, स्ट्रीट लाइट्स लगाने के साथ उनकी मैंटेनेंस राशि भी बढ़ा दी है। हरियाणा के गुरुग्राम में मात्र 226 रुपये प्रति लाइट मासिक मैंटनेंस राशि ली जाती है। अब नये टेंडर में सरकार ने यह राशि 500 रुपये फिक्स कर दी है। इससे कम राशि मंजूर ही नहीं की गई। यानी मैंटेनेंस का रेट भी दुगुने के बराबर रख दिया गया। कम राशि में यह काम पहले से केंद्र सरकार की कंपनियां कर भी रही हैं। स्ट्रीट लाइट्स का काम मात्र 30 करोड़ रुपये का है और 30-40 करोड़ रुपये केबल का खर्च आएगा।
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