सत्य खबर,चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र जहां सियासी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुटी हुई हैं। वहीं पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कुछ दिनों पहले कहा था कि पंजाब कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है। पार्टी नेताओं के बीच अभी तक मतभेदों का दौर जारी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर से बग़ावती सुर तेज़ हो गए हैं। पंजाब कांग्रेस के 80 में से 40 विधायकों ने आलाकमान को पत्र लिख कर कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ अविश्वास जताया है।
कांग्रेस हाईकमान जल्द से जल्द सुलझाना चाहता है मुद्दा कांग्रेस हाईकमान भी जल्द से जल्द इस मुद्दे को सुलझाना चाहता है। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के कंधे से पंजाब कांग्रेस में मचे कलह का जिन्न उतर ही नहीं रहा है। ग़ौरतलब है कि हरीश रावत ने पार्टी आलाकमान से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए पंजाब की ज़िम्मेदारियों से आज़ाद करने की सिफ़ारिश भी की है। लेकिन कांग्रेस हाईकमान भी पंजाब कांग्रेस मचे घमासान का हल उन्हीं के ज़रिए कराने पर अड़ा है। कांग्रेस विधायकों द्वारा हाईकमान को लिखी चिट्ठी के मामले एक बार फिर उन्हें चंडीगढ़ पहुंचकर विरोधी खेमे से बातचीत करने को कहा गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ लामबंद हो रहे कई विधायकों ने एक बार फिर से बाग़ी तेवर दिखाया है। बाग़ी नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग की है कि पंजाब विधायक दल की बैठक बुलाई जाए, जिसमें विधायकों को अपना पक्ष रखने का मौक़ा मिल सके। विधायकों ने सोनिया गांधी को इस बाबत लिखी चिट्ठी में कैप्टन अमरिंदर सिंह के कामकाज पर उंगली उठाते हुए उन्हें सीएम पद से हटाने की मांग की है। इसके साथ ही विधायक दल की बैठक बुलाने के लिए दो पर्यवेक्षकों को चंडीगढ़ भेजने की मांग की है।
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चंडीगढ़ का दौरा कर सकते हैं हरीश रावत सियासी गलियारों में यह भी हलचल है कि सोनिया गांधी को भेजा गया खत कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने लिखा है। हालांकि इस मामले पर तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। दरअसल, चंडीगढ़ में पंजाब कांग्रेस के किसी भी नेता ने ऐसे किसी पत्र की पुष्टि नहीं की है। उधर, हरीश रावत ने बुधवार को नई दिल्ली में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की, जिसे लेकर कहा जा रहा है कि रावत को पंजाब कांग्रेस का मसला जल्द से जल्द हल करने को कहा गया है। हरीश रावत जोकि 18 सितंबर को हरिद्वार से उत्तराखंड चुनाव को लेकर यात्रा शुरू करने वाले हैं, उससे पहले चंडीगढ़ पहुंच सकते हैं।
CM के ख़िलाफ़ विधायकों ने पहले भी जताया था अविश्वास गौरतलब है कि इससे पहले 25 अगस्त को भी इसी तरह की एक बैठक तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के आवास पर हुई थी। इसमें चार मंत्रियों सहित 20 विधायकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास जताया था। यहां तक की चारों मंत्री और कुछ विधायक पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से बात करने के लिए देहरादून और उसके बाद सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली भी गए थे। लेकिन, सोनिया गांधी ने किसी को भी समय नहीं दिया। वहीं हरीश रावत को मामले को सुलझाने के लिए चंडीगढ़ भी पहुंचे थे जहां उन्होंने कांग्रेस विधायकों से अलग-अलग बात भी की थी। हरीश रावत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू से भी मिले थे और मुख्यमंत्री से भी उन्होंने बात की थी। अब कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाखुश चल रहे खेमे ने परगट सिंह से उन विधायकों को मनाने के लिए कहा है जो 25 अगस्त की बैठक में तो शामिल थे लेकिन बाद में एकजुट नहीं हो पाए।
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