सत्यखबर फ़तेहाबाद ( जसपाल सिंह ) – डीसी डॉ जेके आभीर ने दिए आदेश,पराली जलाने वाले किसानों के गन लाइसेंस रद्द,जो पराली में आग लगाने से नहीं कतराते ऐसे में उनका व्यवहार शंकित करने वाला माना जाएगा,रिन्युअल, नए बनने वाले प्रार्थना पत्र, क्षेत्र बढ़ाने के केस, नए एड करने या खेल से सम्बंध रखने वाले सबकी होगी रिचैकिंग, परिवार यदि पराली जलाने में लिप्त पाए गए तो की जाएगी समुचित कार्यवाही,रद्द भी किए जाएगे किसानो के गन लाइसेंस रद्द, दीपवाली की रात किसानों ने पराली मे लगाई आग, पराली जलाने कारण शहर में हुआ धुआं ही धुआ, डीसी ने पटवारी, ग्राम सचिव, बीडीपीओ नायब तहसीलदार को आदेश देते हुए कहा कि जिन जगह दीपावली की रात्रि पराली में आग लगी है, उन्हें रिकार्ड लेकर रिपोर्ट करेंगे। सभी उपमंडलाधीश भी इन गांवों की विजिट करेंगें।
प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद किसान पराली में आग लगाने में बाज नहीं आ रहे है। यही कारण है कि फतेहाबाद जिले के किसान पराली में आग लगाने में प्रथम स्थान पर है। अब आग आगजनी न हो इसको लेकर डीसी ने अहम आदेश जारी किया है, डीसी ने कहा कि अगर जिस किसान ने पराली में आग लगाई है और उसके पास बंदूक का लाइसेंस रद जाएगा। ऐसा आदेश जारी होने के बाद किसानों में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई है। वहीं प्रशासन के अधिकारियों की डयूटी लगाई गई है कि किसानों को जागरूक करें।
दीपावली के दिन अनेक गांवों में किसानों ने पराली में आग लगाई है। यहीं कारण है कि बृहस्पतिवार को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। वहीं आंखों में जलन भी पैदा हो रही थी। फतेहाबाद जिले के किसान पराली में आग लगाने में प्रथम स्थान पर है। अधिकतर किसानों ने दीपवाली की रात को पराली में आग लगा दी जिस कारण शहर में स्मोक ही स्मोक हो गया। फतेहाबाद की भूना रोड़ बाईपास पुल धुएं का गुबार सा छा गया जिस कारण आने जाने वाले वाहनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
डीसी जेके आभीर ने आदेश जारी कहा कि पराली का मुददा महत्पूर्वण है फतेहाबाद में पराली के केस काफी इजाफा हुआ है कि अगर किसी के पास बंदूक का लाइसेंस है और उसने या फिर उसके परिवार के लोगों ने पराली जलाई है तो उसका लाइसेंस रद किया जाएगा। वह प्रशासन के आदेशों की अवहेलना कर रहा तो उसकी कार्रवाई शक के दायरे में है। ऐसे में उसे बंदूक का लाइसेंस रखने का कोई अधिकारी नहीं है। डीसी जेके आभीर ने कहा कि ऐसे किसान जिनके आर्म लाइसेंस बने हुए हैं और जो अपने खेतों में पड़ी पराली को आग लगाते हैं, भविष्य में ऐसे किसानों के आर्म लाइसेंस के नवीनीकरण, क्षेत्र विस्तार या नए आर्म ऐड क रवाने संबंधी प्रार्थना पत्र पर विचार नही किया जाएगा। नए आर्म लाइसेंस बनवाने के इच्छुक किसानों के संबंध में भी यह जांच की जाएगी, कि उन्होंने अपने खेतों में पराली या अन्य फसली अवशेष जलाए थे या नहीं। ग्राम सचिवों, सरपंचों व पुलिस प्रशासन से सूची मांगी है जिसके पास लाइसेंस है और उसने पराली जलाई है।
300 किसानों को दिया गया नोटिस
प्राथमिक दृष्टि से फतेहाबाद जिले में 1508 जगहों पर आग लगी है। लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों ने केवल 300 किसानों को ही चिह्नित किया है। ऐसे में उपायुक्त ने भी कृषि विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए है कि नोटिस देने की कार्रवाई तेज करें ताकि किसानों में भय का माहौल पैदा हो। वहीं संबंधित सरपंच, ग्राम सचिवों व डयूटी मजिस्ट्रेट को भी आदेश जारी किए है कि किसानों को चिह्नित कर इसकी रिपोर्ट करें।
प्रदेश में यहां सबसे ज्यादा जली पराली
प्रदेश में फतेहाबाद जिला ऐसा है जहां आंकड़ा डेढ़ हजार से पार जा चुका है। अगर यही स्थिति रही तो 2000 के करीब यह आंकड़ा पहुंच सकता है। सैटेलाइट से मिले सबूत के अनुसार प्रदेश में फफतेहाबाद में 1508, कैथल में 1219, करनाल में 819, कुरूक्षेत्र में 733, सिरसा में 480, जींद में 390, अंबाला में 300, पलवल में 250 व यमुनानगर 201 स्थानों में किसानों ने पराली में आग लगाई है।
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