सत्यखबर
10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम सुधारने के लिए शिक्षा विभाग ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। इसके लिए उन स्कूलों की लिस्ट तैयार की जा रही है। जिनका परीक्षा परिणाम गत कुछ वर्षों में सबसे खराब रहा है। वहीं ऐसे स्कूलों की लिस्ट भी बनाई जा रही है। जिनका परिणाम सबसे अच्छा रहा है, ताकि दोनों तरह के स्कूलों से यह पता लगाया जा सके कि किन वजहों से परीक्षा परिणाम खराब व अच्छा आ रहा है।
तीन केटेगरी में तैयार होगी छात्रों की लिस्ट :
परीक्षा परिणाम को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग ने तीन केटेगरी की लिस्ट बनाई है। एल-जीरो केटेगरी में वह छात्र होंगे जिनके स्टूडेंट असेस्मेंट टेस्ट में 33 फीसद अंक आएंगे। एल-वन में 33 से 50 फीसद अंक लेने वाले छात्र तथा एल-टू में 50 से 75 फीसद अंक लेने वाले छात्रों को रखा जाएगा। जो छात्र एल-जीरो में होंगे उनको परीक्षा की तैयारी कराने के लिए विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। हाल ही में स्कूलों में स्टूडेंट असेस्मेंट टेस्ट हुआ है। इससे पता चलेगा कि कोरोरा महामारी के दौरान छात्रों ने घर बैठे ऑनलाइन व बाद में स्कूल में आकर जो पढ़ाई की है उसमें वह कितना खरा उतरते हैं।
जिला व ब्लाक स्तर पर बनेगी कमेटी :
डिप्टी डीईओ शिवकुमार धीमान ने बताया कि परिणाम सुधारने के लिए जो आदेश दिए थे ।उस पर स्कूलों में काम हो भी रहा है या नहीं इस पर नजर रखने के लिए जिला व ब्लाक स्तर पर अधिकारियों की टीमें बनाई जाएंगी। यह टीमें किसी भी समय स्कूलों में जाकर औचक निरीक्षण करेंगी। जो छात्र जिस सब्जेक्ट में कमजोर हैं उनकी तैयारी उन अध्यापकों से करवाई जाएगी जिनका परिणाम अच्छा आता है। इसके अलावा डीसी व एसडीएम भी स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे। इसके अलावा गत वर्षों में आए प्रश्न पत्रों की भी विद्यार्थियों को तैयारी कराई जाएगी ताकि उन्हें इनसे कुछ मदद मिल सके।
गत वर्ष आया था अच्छा परिणाम :
गत वर्ष 10वीं व 12वीं का परीक्षा परिणाम काफी अच्छा आया था। 10वीं में 67.96 फीसद अंकों के साथ यमुनानगर प्रदेश में 19वें से छठे स्थान प्राप्त आया था। इसी तरह 12वीं कक्षा में जिला 85.92 फीसद के साथ तीसरे स्थान पर आया था। बोर्ड परीक्षाएं अप्रैल माह में होंगी। समय कम होने के कारण अधिकारियों को जल्द सख्त कदम उठाने होंगे।
रिजल्ट को ओर अच्छा करना है : नमिता कौशिक
डीईओ नमिता कौशिक ने बताया कि हमारा प्रयास है कि बोर्ड कक्षाओं का परिणाम गत वर्ष से भी अच्छा आए। इसके लिए विद्यार्थियों को प्लानिग बनाकर तैयारी करवाई जाएगी। जिन स्कूलों में जरूरत होगी वहां छुट्टी के बाद भी कक्षा लगाई जाएगी। स्कूलों का औचक निरीक्षण का निगरानी रखी जाएगी।
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