सत्यखबर,पलवल (मुकेश कुमार)
पलवल जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया, डेंगू की रोकथाम के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। सिविल सर्जन डा.ब्रहमदीप सिहं ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में मलेरिया के मरीज इस वर्ष मे काफी कम है। इस वर्ष स्थिति नियंत्रण में है। मलेरिया प्रभावित क्षेत्रो के 54 गांवो में पहले राउंड एवं दूसरे राउंड का स्प्रे का कार्य पूरा किया जा चुका है। तालाबों में गंबुजिया मछली डाली जा रही है जो मलेरिया व डेंगू के लार्वा को खा जाती है।
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पलवल जिले में मलेरिया, डेंगू के खात्मे को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से गंभीर एवं प्रयासरत है, सिविल सर्जन डा.ब्रहमदीप सिहं ने बताया कि कोविड-19 जैसी जानलेवा बीमारी के साथ-साथ मलेरिया, डेंगू व चिकिनगुनिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पैनी नजर बनाए हुए है। इसी कड़ी मे उन्होंने बताया मच्छर ठहरे (एकत्रित) हुए पानी मे अंडे देते है, जिससे मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की बढ़ोतरी तेजी से होती है। इसलिए तुरंत प्रभाव से मलेरिया उन्मूलन की सभी टीम ठहरे हुए पानी मे काला तेल व टेमिफोस की दवाई का छिडकाव कर रही है, जिससे मच्छर का लार्वा खत्म हो सके और जानलेवा बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की उत्पत्ति पर पूर्ण रूप से रोक लग सके। जिला पलवल मे ब्रीडिंग चेकर, फील्ड वर्कर द्वारा घर-घर जाकर मलेरिया उन्मूलन सम्बन्धी मच्छर के लार्वा की ब्रीडिंग चेक की जा रही है और ब्रीडिंग पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से टीमो द्वारा टेमिफोस की दवाई डलवाकर लार्वा को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मलेरिया के शुरूआती लक्षणों मे तेज ठंड के साथ बुखार आना, सिर दर्द होना व उल्टीयो का आना है। इसलिए कोई भी बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर मलेरिया की जांच करवाएं और अगर मलेरिया जांच मे पाया जाता है तो उसका 14 दिन का इलाज स्वास्थ्यकर्मी की देखरेख मे करें।
इसके लिए स्वस्थ्यकर्मी स्लाइड व आरडीटी भी बना रहे है। उन्होंने कहा कि घरो में मच्छरनाशक दवाई का छिडक़ाव करवाएं। मच्छरदानी का प्रयोग करें। पूरी बाजू के कपडें पहने। घर के आस-पास पानी इक_ïा न होने दे। बरसात का मौसम शुरु होने से पहले घर के आस-पास के गड्ढïों को मिट्टïी से भर दिया जाए। बरसात का पानी जमा न होने पाए, जिसमें मच्छर पनपते है। इस वर्ष जिला पलवल में मलेरिया व डेंगू का पूरी तरह से खात्मा करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग पलवल ने जिले के 70 मलेरिया प्रभावित गांवो मे दवाई वाली मच्छरदानिया वितरित की गई है, जिनमे होडल ब्लॉक के 27 गांवो, हथीन ब्लॉक के 21 गांवों, अलावलपुर सीएचसी के 19 गांवो व दूधौला सीएचसी के 3 गांवो में मच्छरदानियां वितरित की है। जिला पलवल में कुल 158237 मच्छरदानियां बांटी जा चुकी है।
इसलिए जिन गांवो मे मच्छरदानिया बांटी गई है, वहां के सभी निवासी रात को सोते समय मच्छरदानियों का प्रयोग करें, जिससे मच्छरों के काटने से बचा जा सके। प्रत्येक रविवार को सभी ड्राई-डे (शुष्क दिवस) के रूप मे मनाएं, जिस दौरान घर के सभी कूलर व टंकियों को अच्छी तरह से कपड़े से रगडक़र साफ कर लें, फ्रिज की ट्रे का पानी जो बिजली जाने के बाद फ्रिज की बर्फ के पिघलने से ट्रे मे एकत्रित होता है, उसको जरूर साफ करें।
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