सत्य खबर बापौली
विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर गांव स्थित राजकीय स्कूल के रसायन विज्ञान के प्राध्यापक डा.हितेश चंद शर्मा ने पौधे रोपित करते हुये कहा कि पृथ्वी यानि धरती वास्तव में माँ की तरह बहुत व्यापक शब्द है। जिसमें जल, हरियाली, सभी प्राणी और हम सभी का जीवन समाहित है। यह हम सभी का एक रमणीय और समृद्ध घर है। पृथ्वी की सुरक्षा अर्थात सब की सुरक्षा।
पृथ्वी को बचाने का आशय है पृथ्वी की रक्षा के लिये सब मिलकर ईमानदारी पूर्ण एक पहल शुरू करना और वह भी तब तक जब तक सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं होते। हम पृथ्वी और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनकर ही उसकी रक्षा कर सकते हैं। डा.हितेश चंद शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में हम जो कर रहे हैं उससे पृथ्वी की नैसर्गिकता प्रभावित हो रही है। पृथ्वी के गर्भ से प्राकृतिक संसाधनों का अनियंत्रित रूप से दोहन किया जा रहा है उस दोहन की सीमा अब चरम पर पहुँच चुकी है। इस समय दुनिया के लोग प्रकृति द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर रहने की क्षमता को तीव्र गति से खो रहे हैं जिससे जीवन के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
हम सभी इन हालातों में बदलाव चाहते हैं परन्तु पृथ्वी के संरक्षण में योगदान नहीं देना चाहते हैं। हमें साँस लेने के लिये शुद्ध हवा चाहिये परन्तु हवा को शुद्ध करने हेतु वृक्षारोपण के लिये योगदान नहीं देना चाहते, हमें स्वच्छ जल चाहिये परन्तु प्रदूषित होती नदियाँ और जलस्रोतों की ओर हमारा ध्यान नहीं है।
हम सब जानते हैं कि पर्यावरण को बचाने के लिये बहुत कुछ करना होगा क्योंकि पृथ्वी का अस्तित्व ही दाँव पर लगा हुआ है और उसके साथ हम सभी का जीवन भी, इसलिये आईये हम सभी महत्त्वपूर्ण बदलावों का हिस्सा बनें और एक जिम्मेदार नागरिक की तरह प्लास्टिक का उपयोग न करें, वृक्षारोपण और पौधों के संरक्षण में योगदान दे, कार्बनडाइ आक्साइड का उत्पादन कम से कम करें, कचरे का सही प्रबंधन करेंए,जल का संरक्षण करें।
डा.हितेश चंद शर्मा ने कहा कि धरती है तो हम हैं और हमारा अस्तित्व है इसलिये हमें हमेशा याद रखना होगा कि पृथ्वी केवल मनुष्य के उपयोग के लिये नहीं है अत: हमें अपनी जीवनशैली और गतिविधियों में महत्त्वपूर्ण बदलाव करने होगें और उन सकारात्मक बदलावों को आत्मसात करना होगा। हमें पृथ्वी के पैरोकार, प्रहरी और पहरेदार बनकर उसे बचाना होगा। अब प्रकृति के दोहन के विषय में नहीं बल्कि संरक्षण के विषय में सोचना होगा।
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विश्व पृथ्वी दिवस पर आईये पर्यावरण के प्रति अपनी चेतना जागृत करें और पृथ्वी के संरक्षण का संकल्प लें क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग और घटतेेेे जलस्तर का जो परिदृश्य आज हमारे सामने है वह बहुत भयावह है ऐसा ही रहा तो एक दिन ऐसा आएगा जब पृथ्वी से हमारा, जीव−जंतुओं व वनस्पति का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।
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