सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा द्वारा संचालित माता चंदन देवी आर्य कन्या गुरुकुल पिल्लूखेड़ा में मंगलवार को 11 कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया गया। स्वामी धर्मदेव महाराज के सानिध्य में वैदिक मंत्रोचारण के बीच यज्ञ में गुरूकुल की सैंकड़ों कन्याओं ने अपनी आहुति डाली। अपने संबोधन में स्वामी धर्मदेव महाराज ने कहा कि यज्ञ पर्यावरण सुरक्षा का सशक्त माध्यम है। यज्ञ में दी जाने वाली आहुति की सुगंध से पर्यावरण तो शुद्ध होता ही है साथ ही साथ वेद मंत्रोच्चारण से आत्मिक शुद्धि भी होती है। पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को दूर करने में यज्ञ का अहम योगदान होता है।
उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन व धार्मिक परंपराएं पूरी तरह से विज्ञान सम्मत हैं। उदाहरणस्वरूप यज्ञ को ही लें यज्ञ एक ठोस वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। महर्षि दयानंद ने भी कहा था यदि पर्यावरण की शुद्धि एवं सुखों की वृद्धि चाहते हो तो नित्य प्रात: सायं प्रत्येक घर में हवन-यज्ञ करो। ‘यज्ञ एक व्यापक शब्द है और इसका रूप भी व्यापक है। ज्ञान, ध्यान, आराधना और चिंतन यज्ञ हैं, सेवा भी यज्ञ है और देश सेवा सबसे बड़ा यज्ञ है। यज्ञ की परंपरा प्राचीनकाल से रही है।
ऋषि वनों में रहते हुए प्रात: सायं दैनिक यज्ञ किया करते थे। ऋषि-मुनि, यज्ञ को सिद्धिकारक और वायुमंडल की शुद्धि का कारक भी मानते थे। यही कारण था कि उस समय लोग निरोग और दीर्घायु होते थे। यज्ञ से मानव के भौतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, प्राकृतिक एवं व्यक्तिगत उद्देश्य पूर्ण होते हैं। इस मौके पर प्रमुख रूप से गुरुकुल की प्रिंसिपल मीना मलिक, गौरव शर्मा, सोनू मलिक, शिवम, रौनक, जोरावर सिंह, देवी प्रसन्न, श्रीपाल रोहिल्ला, वासुदेव, रामदिया, रीना आर्य व सतीश आर्य सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।
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