सत्यखबर,चंडीगढ़
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया है कि राज्य सरकार एयरोस्पेस व डिफेंस इक्विपमेंट प्रोडक्शन के क्षेत्र में प्रदेश को उत्तर भारत में एक अग्रणी ‘एमआरओ’ हब (मैंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल हब) बनाना चाहती है। इससे न केवल नागरिक विमान बल्कि रक्षा विमान लाभान्वित होंगे। यह हब बनने से सभी एयरलाइनों के लिए रखरखाव की लागत भी कम हो जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले पांच वर्षों में राज्य सरकार का लक्ष्य एयरोस्पेस व डिफेंस इक्विपमेंट प्रोडक्शन सेक्टर में 7,000 करोड़ का निवेश कर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से करीब 31,000 युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है। डिप्टी सीएम, जिनके पास नागरिक उड्डयन विभाग का प्रभार भी है, ने आज यह जानकारी ‘हरियाणा एयरोस्पेस एंड डिफेंस पॉलिसी-2021’ के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद दी।
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दुष्यंत चौटाला ने बताया कि एयरोस्पेस व डिफेंस इक्विपमेंट प्रोडक्शन से जुड़े उद्योगों को अधिक से अधिक आकर्षित करने के लिए ‘हरियाणा एयरोस्पेस एंड डिफेंस पॉलिसी’ तैयार की जा रही है, जिसको जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी के निर्माण के लिए हरियाणा नागरिक उड्डयन विभाग, एमएसएमई विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाई गई जिसमें सभी स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लेकर पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार किया गया है।
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उन्होंने बताया कि करीब तीन महीने पहले ‘एयरोस्पेस एंड डिफेंस पॉलिसी’ गठित करने के लिए सुझाव लेने के लिए स्टेकहोल्डर्स की कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी जिसमें देशभर से ‘एयरोस्पेस एंड डिफेंस इक्विपमेंट डिफेंस प्रोडक्शन’ के क्षेत्र में नामी कंपनियों से प्रतिनिधियों ने हिस्सा लेकर अपने-अपने सुझाव दिए थे। राज्य सरकार इन सुझावों को शामिल करके एक डाइनेमिक व कंप्रीहैंसिव पॉलिसी बनाने जा रही है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ऑटो सेक्टर में तो हरियाणा राज्य पहले से ही अग्रणी है, अब ‘एयरोस्पेस एंड डिफेंस पॉलिसी’ बनाकर राज्य में एयरोस्पेस तथा डिफेंस इक्विपमेंट प्रोडक्शन से जुड़े अधिक से अधिक उद्योगों को आमंत्रित करना चाहते हैं ताकि हरियाणा इन क्षेत्रों में भी हब बन सके। उन्होंने बताया कि हिसार में जो एविएशन-हब तैयार हो रहा है उससे एयरोस्पेस तथा डिफेंस इक्विपमेंट प्रोडक्शन क्षेत्र के अन्य उद्योगों को भी आने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित पॉलिसी में प्रदेश में एयरोस्पेस तथा डिफेंस इक्विपमेंट प्रोडक्शन के क्षेत्र में निवेश करने वाले उद्योगों को विशेष रियायतें दी जाएंगी।
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