सत्य खबर भिवानी (अमन शर्मा) :- अक्सर लोग देर रात के सुनसान सन्नाटे में शमशान घाट के पास से गुज़रने में ही डरते हैं…वहीं इस कोरोना के क़हर के बीच प्रवासी लोगों को शमशान घाट में सोने पर मजबूर होना पड़ रहा है…सोचिए इन लोगों पर क्या गुज़र रही होगी…तस्वीरों में दिखाई दे रहा ये नज़ारा भिवानी के रामबाग यानी शमशानघाट का है..जहां ये प्रवासी मजदूर सोने को मजबूर हैं…
वीओ- ये लोग वो प्रवासी मज़दूर है जो भिवानी शहर या अलग-अलग गांवों में काम करने के लिए आए थे…पर कोरोना के क़हर के चलते हैं ये लोग यहां फंस कर रह गए…काम ना चलने और पैसे ख़त्म होने पर ये अब घर जाने के लिए दर दर भटक रहे हैं
ऐसे ही कुछ लोग भिवानी महापंचायत द्वारा आयोजित जनता रसोई में पहुंचे….यहां पर इन लोगों को खाना तो भरपेट मिला, लेकिन सोने की जगह नहीं मिल पाई…मज़बूरी में लोग यही शमशान घाट में सो रहे हैं…कुछ लोग यहां 4-5 दिन में ऐसे ही सोने पर मजबूर हैं…इनका कहना है कि रात को शमशानघाट में डर लगता है….जिसके चलते नींद नहीं आ पाती
भिवानी महापंचायत के संयोजक और जनता रसोई के संचालक संपूर्ण सिंह ने कहा कि हम इन लोगों को खाना खिला सकते हैं लेकिन महिलाओं और लड़कियों को यहां सुलाने में दिक़्क़त आएगी…ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि इन प्रवासी लोगों को उनके गांव तक पहुंचाने का प्रबंध करे
वहीं सूचना पाकर है जिला राजस्व अधिकारी प्रमोद चहल और थाना प्रभारी मौक़े पर पहुंचे….और सहमति बना इन प्रवासी लोगों को वापस चांदवास गांव में भेजा….इन लोगों के लिए जनता रसोई राशन मुहैया करवाएगी…
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भले ही सरकार ने प्रवासी लोगों के लिए पोर्टल और ऐप की सुविधा दी हो, लेकिन ज़मीनी स्तर पर आज भी ये प्रवासी लोग घर जाने के लिए दर दर भटक रहे हैं…ज़रूरी है समय रहते इन लोगों के उचित प्रबंधन की…ताकि किसी प्रकार की कोई बड़ी आपफत सामने ना आए….
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