सत्यखबर पलवल
अतिरिक्त उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि जिला में कन्या भ्रूण हत्या जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों की नियमित जांच की जाए। जिस महिला की पहली व दूसरी संतान बेटी है तो ऐसी गर्भवती महिलाओं नियमित रूप से ट्रैक किया जाए।
अमित कुमार लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में शुक्रवार को प्रसव पूर्व लिंग जांच पीएनडीटी की जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में अमित ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या से संबंधित गतिविधियों की जानकारी देने वाले व्यक्ति की सूचना के आधार पर रेड की जाए तथा रेड सफल होने पर सूचना देने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपए का इनाम भी दिया जाए। कन्या भू्रण हत्या को जड़मूल से समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग तथा डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी आदि मिलकर कार्य करें।
बैठक में लिंगानुपात को 939 से बढाकर 950 करने पर जोर दिया गया। सभी विभागों से लिंगानुपात को कम करने के सुझाव मांगे गए। अल्ट्रासाउंड सैंटर्स के समय पर निरीक्षण करने व फॉर्म के जांच की जाए। पंचायत विभाग के द्वारा गांवों के लोगो को जागरूक किया जाए तथा विभाग के सहयोग से सभी गांव के सूचना पट्ट पर उस गांव का लिंग अनुपात का आंकड़ा प्रत्येक तिमाही में अपडेट किया जाए, ताकि गांवों में लोगों में लड़कियों की कमी के प्रति जागरूकता दादा हो तथा अधिक लड़कियों वाले गांवों को प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होंने कहा कि बेटियां बोझ नहीं होती। इस बारे में लोगों को अपनी सोच बदलने व जागरूक रहने की आवश्यकता है। समाज में जागरूकता आए इसके लिए सामाजिक व पंचायती राज संस्थाएं अपनी अहम भूमिका निभाए। उन्होंने लोगों को शादी समारोह को दिन में करने तथा शादी खर्च को कम से कम करने के लिए लोगों को जागरूक करने की दिशा में कार्य करने की सलाह दी।
इस दौरान सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने कन्या भू्रण हत्या को पूर्णरूप से रोकने के संबंध में जिले में चलाई जा रही आवश्यक गतिविधियों से अवगत करवाया। डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सरकार की कारगर योजना है। इस योजना के लागू होने के बाद समाज में बेटियों का सम्मान बढ़ा है। उन्होंने बताया कि भ्रूण हत्या के मामलों में कमी आई है। बीते साल की तुलना में इस साल लिंगानुपात में बढ़ोतरी हुई है, जो हर्ष का विषय है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की यह प्रभावी योजना गत वर्ष 2019 में 1000 लडक़ों के मुकाबले 921 लड़कियां थी, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 921 से बढकर 939 हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिंगानुपात को 939 से बढकर 950 करने पर जोर दिया जा रहा है। डा. ब्रह्मदीप ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने ग्राउंड लेवल पर अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि आशा, आंगनवाडी से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर महिलाओं को लिंग जांच इत्यादि के बारे में जागरूक करती हैं। जिले में अल्ट्रासाउंड मशीनों पर निगरानी रखी जाती है। भ्रूण हत्या रुके और समाज में बेटियों को लेकर सोच बदले, बेटियों को अभिभावक बोझ नहीं समझे, इसके लिए कोशिश जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा से ही इस योजना की शुरूआत की थी। लिंगानुपात में इस योजना के बाद से लगातार सुधार हुआ है। हरियाणा में बेटी बचाने और पढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग पलवल अब इस योजना का और अधिक प्रचार-प्रसार करने की तैयारी में जुटा हुआ है।
बैठक में जिला परिषद की चेयरपर्सन आशावती, होडल के एसडीएम संदीप अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी अर्चित वॉट्स, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दूधौला की एसएमओ डा. संतोष, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. योगेश मलिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डा. संजीव तंवर, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल, डीपीओ आईसीडीएस मिनाक्षी, डा. पुरेन्द्र, एनजीओ से अल्पना मित्तल सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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