सत्यखबर,फतेहाबाद (राजेश भाम्भू)
इतना ही नहीं दुकानदारों के पास जो पुरान स्टॉक पड़ा हुआ है उसे भी नए दामों पर बेचकर मुनाफाखोरी की जा रही है….इन सबके बीच किसानों का बुरा हाल है….किसानों को डीएपी 1500 रुपए से अधिक दामों तक खरीदनी पड़ रही है..तो वहीं कृषि विभाग के अधिकारी मुनाफाखोरी के इस खेल से अंजान नजर आए वहीं खाद विक्रेता ने बताया कि उनके पास दामों को लेकर कोई भी निर्देश नहीं है। उनके पास जो खाद का स्टॉक है और उस पर जो भी रेट अंकित है उसी दाम पर बेच रहे हैं, सरकार की ओर से जैसे कोई निर्देश उन्हें मिलेंगे उसी के तहत वो इसे बेचेंगे। मीडिया ने जब अधिकारियों से बात की तो उनका कहना था कि अब मामला उनके संज्ञान में आया है तो इसकी जांच की जाएगी और अगर कोई दोषी मिलेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी|
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गौरतलब है कि किसानों को खाद और उर्वरक उचित दामों पर मिल सके इसके लिए बाकायदा मुख्यमंत्री ने आदेश जारी किए थे और ट्वीट भी किया था….जिसमें कहा गया था कि विभाग से संबंधी जिला अधिकारी ये सुनिश्चित करेंगे कि किसानों को उर्वरक और खाद पुराने दामों पर मिले…वहीं सरकार की ओर से ये आदेश भी है कि अगर किसी के पास पुराना स्टॉक है तो पुराने दाम यानि खाद के बैग पर अंकित दाम ही किसान से ले पाएगा और नए स्टॉक को जो दाम है, वही दाम किसान से ले सकते हैं…मगर फतेहाबाद में पुराना स्टॉक नए दामों पर बिकता कैमरे में कैद हुआ है। एक किसान ने बाकायदा खरीदे गए उर्वरक की रसीद भी दिखाई जिसमें स्पष्ट रूप से प्रिंट से अधिक दाम किसान से वसूले गए हैं। अब देखने वाली बात होगी कि सुशासन देने की बात कहने वाली हरियाणा सरकार के अधिकारी यहां क्या कदम उठाते हैं|
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