फर्जी आय प्रमाण पत्र लगाने वालों की अब खैर नहीं
गाड़ी में बच्चों को छोड़ने आते हैं गरीब अभिभावक
सत्यखबर, जींद – प्राइवेट स्कूलों में 134ए के तहत मेधावी और जरूरतमंद बच्चों को प्रवेश दिलाने वाले कुछ अभिभावकों को अब परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। परेशानी उन अभिभावकों को उठानी पड़ सकती है जिन्होंने फर्जी तरीके से अपने आप को आर्थिक तौर पर कमजोर होने का प्रमाण पत्र निजी स्कूलों में जमा करवाया है। इन प्रमाण पत्रों की जींद प्रशासन अब जांच करने वाला है। जिला प्रशासन द्वारा यह कार्यवाही जींद जिले के प्राइवेट स्कूलों द्वारा की गई मांग के बाद की जा रही है इस कार्यवाही के लिए जिला उपायुक्त ने जींद नगराधीश सत्यवान सिंह मान को पाबंद किया है।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन जींद ने उपायुक्त अमित खत्री को एक ज्ञापन देते हुए कहा था कि कुछ अभिभावकों द्वारा 134ए कानून का फायदा लेने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र जमा करवाए हैं। इन प्रमाण पत्रों की अगर जांच होती है तो कई ऐसे अभिभावक सामने आएंगे जो अपने बच्चों को अपनी फीस पर पढ़ाने में सक्षम है। एसोसिएशन ने ऐसे अभिभावकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
एसोसिएशन ने बताया कि कुछ बच्चों के अभिभावक इतने सक्षम है कि उनके पास गाड़ियां हैं अच्छे मकानों में रहते हैं। इसके बावजूद फर्जी तरीके से गरीबी का प्रमाण पत्र जारी करवा कर बच्चों को दाखिले दिलवाने के लिए स्कूलों में लेकर आ रहे हैं। एसोसिएशन का कहना है कि जिन अभिभावकों द्वारा पहले अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाया जा रहा था इस कानून के आने के बाद अब हुए 134 ए के तहत बच्चों को पढ़ाने के लिए दबाव बना रहे हैं। यदि वह अभिभावक पहले बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने में सक्षम थे तो इस कानून के आने के बाद एकदम से वह लोग अक्षम कैसे हो गए।
हर साल बदल रहे स्कूल, अधिकारी चुप
निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि 134ए के तहत जिस बच्चे का दाखिला जिस स्कूल में हो गया वह उसके बाद सेकेंडरी शिक्षा तक उसी स्कूल में रहेगा। जबकि कुछ अभिभावकों द्वारा बच्चों को हर वर्ष नए स्कूल में 134ए के तहत आवेदन करवाया जा रहा है। ऐसे में इस कानून का खुलेआम अवहेलना की जा रही है। अधिकारियों को सब कुछ मालूम होते हुए भी इस मामले में चुप्पी शादी जा रही है।
करवाई जाएगी जांच उपायुक्त
इस मामले में जिला उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि उनके पास प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा एक ज्ञापन सौंपा गया है जिसके आधार पर एक कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी इन शिकायतों की जांच करेगी जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।