सत्यखबर, जयपुर
राजस्थान के जयपुर में बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम को हैक कर दो विदेशी महिलाओं ने 32 लाख रुपए लूट लिए थे। बताया जा रहा है यह दोनों शातिर महिलाएं फ र्जी पासपोर्ट पर लंबे समय से भारत में घूम रही थीं। स्पेशल ऑपरेशन गु्रप पुलिस की जांच में दोनों के नाम व पते फ र्जी पाए गए। महिलाओं के पासपोर्ट बेंगलुरु पुलिस ने पहले से ही जब्त किए हुए हैं। वहीं पासपोर्ट जब्त होने के बाद दोनों विदेशी महिलाओं ने दलालों के माध्यम से फ र्जी पासपोर्ट बनवा थे। एसओजी ने मास्टरमाइंड हैकर को भी गिरफ्तार कर लिया है। हैरानी की बात यह है कि हैकर दिल्ली से बैठ कर पूरी मॉनिटरिंग कर रहा था। जिसके जरिए केवल 3 मिनट में ही एक ही एटीएम से 8.40 लाख रुपए निकाल लिए गए थे।
वहीं एसओजी की जांच में तीनों से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। हैरानी बात यह है कि उक्त दोनों विदेशी महिलाएं फ र्जी पासपोर्ट से दिल्ली, जयपुर कोटा व उदयपुर के अलावा कई शहरों में घूमती रही। ये होटल में रुकी हुई थी। बताया जा रहा है कि होटल मैनेजमेंट ने दोनों के रुकने की सूचना एयरपोर्ट अथॉरिटी को दी थी। एसओजी के इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह सोलंकी ने बताया कि दिल्ली के चंद्रविहार में रहने वाले नाइजीरियन संडे कैलेची को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर चार दिनों के रिमांड पर लिया गया है। संडे कैलेची गिरोह का मास्टरमाइंड है। वह दिल्ली से ही पूरे सिस्टम को ऑपरेट कर रहा था। दोनों विदेशी महिलाओं नानटोंगो एलेकजेन्ड्रस निवासी युगांडा व लौरा कैथ निवासी गांबिया ने एटीएम से 32 लाख रुपए निकालने के बाद 20 लाख रुपए उसके खाते में ट्रांसफ र कर दिए थे। इसके बाद संडे कैलेची ने भी नाइजीरिया में बैंक खाते में रुपए ट्रांसफ र कर दिए थे। एसओजी टीम ने उदयपुर के होटल से रास्पबेरी पाई डिवाइस व लैपटॉप भी बरामद कर लिए हैं।
बता दें कि एसओजी की पकड़ में आई लौरा कैथ निवासी गांबिया का असली नाम लैडी स्टेफि निया है और वह बोगोटा कोलंबिया की रहने वाली है। जबकि उसकी सहयोगी नानटोंगे एलेकजेन्ड्रस निवासी युगांडा का असली नाम सान्द्रा है और वह नाइजीरिया की रहने वाली है। वहीं एसओजी की जांच में यह भी सामने आया है कि लौरा उर्फ लैडी के खिलाफ बेंगलुरु में साइबर क्राइम के 13 मामले दर्ज हैं। उसका पासपोर्ट बेंगलुरु पुलिस ने जब्त कर रखा है।
जयपुर में दो दिन घूम कर जांच पड़ताल की। इसके बाद 7 हजार रुपए के रास्पबेरी पाई डिवाइस से 16 से 18 जुलाई तक महेश नगर, गोपालपुरा, नेहरू पैलेस व सांगानेर में चार एटीएम बूथ से 32 लाख रुपए निकाल लिए। पहले रास्पबेरी.पाई डिवाइस से सर्वर को हैक किया। इसके बाद बड़े आराम से रुपए निकाल लिए। उसके बाद दोनों कोटा चली गई। कोटा में भी कई जगहों पर रुपए निकालने का प्रयास किया। एसओजी मामले की जांच में जुट गई। उदयपुर में दोनों ने एटीएम की जांच पड़ताल करनी शुरू कर दी थी। तब उदयपुर में एसओजी ने दोनों को पकड़ लिया।
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एसओजी की जांच में यह भी खुलाया हुआ है कि संडे कैलेची दिल्ली से डिवाइस को मॉनिटर कर रहा था। दोनों महिलाएं एटीएम में जाकर मशीन से कनेक्ट कर देती थी। इसके बाद बैंक सर्वर के प्रोग्रामिंग सिस्टम को हैक कर लेते थे। रास्पबेरी पाई डिवाइस के जरिए कमांड देकर एटीएम से रुपए निकाल लिए जाते हैं। हैरानी की बात है कि रुपए निकाले जाने पर किसी प्रकार का सायरन और अलर्ट भी नहीं होता है। मात्र तीन मिनट में ही इन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम से 8.40 लाख रुपए निकाले थे। वहीं पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर आागामी कार्रवाही शुरू कर दी है। जबकि गिरोह के मास्टरमाइंड संडे कैलेची को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर रिमांड मांगा गया था। अदालत ने आरोपी को 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। जिससे आगे की पूछताछ की जा रही है। जिससे कई अन्य खुलासे होने की उम्मीद है।
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