बच्चों का भी पौधारोपण के प्रति बढ़ रहा है रूझान, पोता-पोती की पौधारोपण की जिद्द दादा ने त्रिवेणी लगाकर पूरी की
सत्यखबर सफीदो (महाबीर मित्तल ) – निरंतर पेड़ों के कटान से पर्यावरण संतुलन निरंतर बिगड़ रहा है और इस दिशा में लोगों को सचेत करने के लिए सरकार व सामाजिक संगठन निरंतर कार्य किया जा रहा है। इन प्रयासों के कुछ सार्थक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। आमजन के साथ-साथ बच्चे भी पर्यावरण को बचाने के लिए पौधारोपण में अपना हाथ बटाने लगे हैं। इसी कड़ी में नगर के गुरूद्वारा कालोनी निवासी अमित शर्मा के बेटे देवयुग (6) व बेटी पलकिन (7) ने अपने दादा सतीश शर्मा व दादी रेखा शर्मा से पौधारोपण करने की बात कही। दादा-दादी ने उन्हे पौधारोपण करने का आश्वासन दिया लेकिन पौधारोपण में कुछ लेट-लतीफी होते देख बच्चों ने जिद्द ठान ली। बच्चों की जिद्द पर अडऩे पर दादा सतीश शर्मा ने पौधारोपण करने के लिए कार्य शुरू किया।
सतीश शर्मा ने नगर की नई अनाज मंडी में त्रिवेणी लगाने का मन बनाया और वहां पर इसके लिए गहरा गड्ढा करवाया। रविवार को सतीश शर्मा अपने पूरे परिवार, पोता-पोती व गण्यमान्य लोगों को साथ लेकर नई अनाज मंडी पहुंचे। इस मौके पर बतौर मुख्यातिथि इंडियन इकॉनोमिक सर्विस के पूर्व अधिकारी के.एल. शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। सभी ने मिलकर देवयुग व पलकिन को साथ लेकर त्रिवेणी लगाई। त्रिवेणी लगाने के बाद दोनों बच्चें काफी खुश दिखाई दिए। बच्चों का कहना था कि पौधारोपण करने की पे्ररणा उन्हे अपने स्कूल व अध्यापकों से मिली।
इस मौके पर उपस्थित गण्यमान्य लोगों ने बच्चों के प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की। अपने संबोधन में मुख्यातिथि के.एल. शर्मा ने कहा कि त्रिवेणी एक साधारण वृक्ष ना होकर इसका वैज्ञानिक व आध्यात्मिक दोनों महत्व है। जहां त्रिवेणी लगी होती है वहां हर पल-हर क्षण सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह चलता रहता है। जो इंसान श्रद्धाभाव से त्रिवेणी को लगाता या इसका पालन-पोषण करता है उसका कोई भी सात्विक कर्म विफल नहीं होता। त्रिवेणी हमें अपनी जड़ों व संस्कृति से जुडऩे का संदेश देती है। त्रिवेणी में तीन पेड़ों के संगम बड़, नीम और पीपल को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में देखा जाता है। ये लगाई जा रही त्रिवेणियां आने वाली भावी पीढिय़ों के लिए भी वरदान साबित होती हैं, इसलिए हर इंसान को अपने जीवन में एक त्रिवेणी अवश्य लगानी चाहिए।