सत्यखबर, सोनीपत
उत्तर भारत में लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी गैंग का दबदबा आज भी है। इन दो शातिर और खौफ नाक बदमाशों ने कई नौजवानों की जिंदगियों को बर्बाद किया है। उन्हीं में एक नाम सोनीपत जिले के पलड़ा गांव में जन्मे अक्षय का भी है। अक्षय का जन्म एक साधारण से परिवार में हुआ। जब स्कूल जाने लगा तो 10वीं और 12वीं कक्षा में बदमाशी का शौक लगा।
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अक्षय के घरवालों को भी उससे परेशानी होने लगी तो उन्होंने अपने बच्चे के भविष्य को अंधकार में जाता देखकर उसे उसके मामा के घर भेज दिया। घर वाले यही सोच रहे थे कि अब शायद उसको बुरी संगत से छुटकारा मिलेगा और वो पढ़ाई पर ध्यान देगा, लेकिन उन्हें क्या पता था कि अक्षय ने अपनी जिंदगी की राह पहले ही चुन ली थी। 2 सितंबर 2015 को अक्षय ने अपराध की दुनिया में पहला कदम रखा।
अक्षय ने अपने दोस्त के कहने पर साथियों के साथ मिलकर राई थाना क्षेत्र में एक कार की लूट को अंजाम दिया। फि र 4 सितंबर को अपने मामा के गांव नांगल कलां में अनूप नाम के ऑटो चालक को गोलियों से छलनी कर दिया। अक्षय ने जब इस वारदात को अंजाम दिया था तब वो नाबालिग था, शायद उसे कानून का बिल्कुल खौफ नहीं था। इसके बाद अक्षय पुलिस की आंखों में चुभने लगा। सोनीपत पुलिस ने 2015 में अक्षय को गिरफ्तार किया और तब तक वो कई बदमाशों के संपर्क में आ चुका था।
वहीं सोनीपत पुलिस ने अक्षय पलड़ा को गिरफ्तार कर हिसार बाल सुधार गृह भेज दिया। लेकिन अक्षय बहुत शातिर था और वो वहां से 17 अन्य बाल कैदियों को लेकर फरार हो गया। इसके बाद अक्षय हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब की मोस्ट वॉन्टेड गैंग लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आया। अक्षय की मुलाकात बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर राजू बसोदी से हुई। बसोदी ने अक्षय को संपत नहर संदीप उर्फ काला जठेड़ी से मिलवाया। इसके बाद अक्षय को मानो किसी का खौफ ही नहीं रहा। अक्षय एक के बाद एक संगीन अपराधों को अंजाम देता चला गया। अक्षय अपराध की दुनिया की सीढिय़ों को बिना सोच समझे चढ़ता गया और अब उसके नाम के साथ 33 संगीन अपराध जुड़े हुए हुए हैं। अक्षय पर हत्या के 14, हत्या के प्रयास के 7 और अन्य फिरौती और रंगदारी के मामले दर्ज हैं।
अक्षय पलड़ा के अपराध करने का तरीका काफ ी अलग बताया जाता है। अपराध और दहशत का रास्ता अक्षय ने किसी मजबूरी में नहीं बल्कि शौक में चुना था। सोनीपत एसटीएफ इंस्पेक्टर सतीश देशवाल के अनुसार अक्षय पलड़ा लोगों में दहशत फैलाने के लिए अपने टारगेट को एक से दो गोलियों नहीं मारता था बल्कि 30 से 40 राउंड फायर करता था। अक्षय अपने टारगेट को आखिरी सांस तक तड़पाता था। इसके पीछे अक्षय की यही सोच थी कि लोगों में उसके नाम का डर पैदा हो। वहीं अक्षय को अंदाजा नहीं था कि वो अब पुलिस का प्राइम टारगेट बन चुका है। पंजाब पुलिस ने अक्षय पलड़ा को 11 जून 2019 को गिरफ्तार किया। उसके बाद अक्षय पलड़ा को हरियाणा पुलिस कई बार प्रोडक्शन वारंट पर ले चुकी है। अक्षय ने पुलिस गिरफ्त में कई राज खोले हैं।
वहीं अक्षय पलड़ा पर कई जिलों में मुकदमे दर्ज हैं। रोहतक पुलिस ने उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया हुआ था। सोनीपत पुलिस ने एक लाख और हरियाणा स्टाफ ने 50 हजार रुपये का ईनाम कुल मिलाकर सिर्फ हरियाणा में ही अक्षय पर 2 लाख रुपये का इनाम था।
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