बारिश में भीगते रहे हैफैड के हजारों गेंहू के कट्टे, सीआईडी अधिकारी को देख चौंकीदार ढकने लगे तिरपाल
सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – सफीदों उपमंडल में बारिश के दौरान सरकारी भण्डारण का गेंहू निरंतर भीगने या भिगोने के मामले निरंतर सामने आने आ रहे हैं। इसी प्रकार का मामला पिछले वर्ष पिल्लूखेड़ा खंड सामने आया था और इस वर्ष सफीदों में इस प्रकार के 2 मामले सामने आ चुके हैं। इन मामले सरकारी अमला कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है और सरकार का आर्थिक व खाद्यान्न का भारी नुकसान हो रहा है। इसी प्रकार का मामला अब फिर से सफीदों में सामने आया। बुधवार सुबह बारिश के दौरान सीआईडी अधिकारी तेज सिंह हुड्डा को गुप्त सूचना मिली कि नगर के सिंघपुरा मोड़ के पास सरकारी खरीद एजेंसी हैफैड द्वारा खुले में भण्डारित किए गए गेंहू के कट्टे बारिश में भीग रहे हैं।
सूचना पाकर सीआईडी अधिकारी तेज सिंह हुड्डा बारिश में ही मौके पर पहुंचे और फोटो इत्यादि लेकर जांच आरंभ की तो आसपास ही कहीं बैठे गोदाम के चौकीदार तुरंत हरकत में आए और आनन-फानन में गेंहू के कट्टों के ऊपर तिरपाल ढकने लगे। जब तेज सिंह हुड्डा ने गहनता से जांच की तो उन चौंकीदारों में उन्हे कुछ बताने से साफ मना कर दिया। विभाग की इस लापरवाही के कारण इस खुले में लगे हजारों गेंहू के बैग पूरी तरह से भीग गए और इन बैगों में भरे गेंहू जल्द ही खराब होने की स्थिति में पहुंच जाएगा। सरकार को भारी आर्थिक नुकसान तो पहुंचेगा ही साथ ही साथ जन राशन वितरण प्रणाली में लोगों तक खराब गेंहू पहुंचेगा। बारिश के दौरान खुले में लगे गेंहू का भीगने या कथित रूप से भिगाने का मामला कोई नया नहीं है।
पिछले वर्ष जुलाई माह में हैफड का ही मामला पिल्लूखेड़ा में सामने आया था जब बारिश के दौरान गेंहू के कट्टों के ऊपर ढके हुए तिरपालों को हटाया जा रहा था और यह मामला काफी चर्चित हुआ था। इस मामले का समाजसेवी एवं भाजपा नेता राजबीर रोहिल्ला ने विडियो वायरल किया था और उसके बाद इस प्रकरण में मामला भी दर्ज हुआ था। इसी प्रकार इसी वर्ष मई माह में सफीदों में स्टेट वेयरहाउसिंग कारपोरेशन की लापरवाही सामने आई थी।
नगर के रत्ताखेड़ा मोड के पास स्टेट वेयरहाउसिंग कारपोरेशन द्वारा एक निजी राइस मिल की जमीन पर सरकारी खरीद की गई गेहूं रखी गई थी और बारिश के दौरान इस गोदाम के कर्मचारियों ने तपाक से गेहूं की बोरियों के ढेर पर ढके तिरपाल को हटा दिया ताकि बारिश गेहूं की बोरियों पर हो और पानी से गेहूं का वजन बढ़ जाए और हेराफेरी करके बढ़े हुए वजन के गेहूं को चोरी छुपे कहीं बेचकर रकम हड़पी जा सके।