सत्यखबर, चण्डीगढ़
मानसून की बारिश धरती और फसल दोनों के लिए लाभकारी होती है, लेकिन यही बारिश जब लिमिट से ज्यादा हो जाए तो फसल को तबाह कर देती है। ऐसा ही कुछ फिलहाल हरियाणा में हो रहा है। हरियाणा में पिछले कई दिन से लगातार बारिश हो रही है। जिस कारण किसानों की फसलें खराब होनी शुरू हो गई है। कई जिलें तो ऐसे हैं जहां फसलों में पानी जमा होने से फसलें खराब हो गई हैं तो कई जगहों पर खराब होने की स्थिति में पहुंच गई है। हरियाणा के अलग-अलग जिलों से करीब 55 हजार किसानों ने फसलें बर्बाद होने का दावा करते हुए कृषि विभाग से मुआवजे की मांग की है।
कृषि विभाग अब किसानों की मुआवजे की मांग पर खराब हुई फसलों का अगले तीन दिन में सर्वे कराएगा। वहीं ऐसे भी बहुत से किसान हैं जिनकी पूरी फसलें खराब हो गई है, लेकिन विभाग के पास अपनी शिकायत दर्ज नहीं करा पाए हैं। ऐसे किसानों की संख्या काफी ज्यादा है। पिछले एक हफ्ते में करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र में धान, फतेहाबाद, सिरसा और हिसार से कपास और रेवाड़ी, भिवानी, जींद समेत अन्य जिलों के किसानों ने बाजरे की फसल खराब होने की शिकायत दर्ज कराई हैं।
इस बारे में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. जगराज ढांडी ने कहा कि हमारे पास 50 हजार किसानों की शिकायतें आई हैं। ये तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि असलियत में कितने किसानों की फसलें खराब हुई हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन दिन में विभाग इसका सर्वे कराएगा। बता दें कि हरियाणा में इस बार 12 लाख हेक्टेयर में धान, सवा लाख हेक्टेयर में कपास की बिजाई की गई है।
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कपास, धान, बाजरा, मूंग और सब्जियों में को हुआ भारी नुकसान
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि फतेहाबाद, सिरसा, रेवाड़ी, हिसार, नारनौल, सोनीपत, जींद, रोहतक, झज्जर, भिवानी जिलों में नरमा, कपास, धान, बाजरा, मूंग, सब्जियों में 50 से 80 फीसदी तक फसलों का नुकसान हुआ है। किसानों को मुआवजा की व्यवस्था करने के साथ-साथ पानी की निकासी का प्रबंध और मंडियों में फसल खरीद तुरंत शुरू करना चाहिए।
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