सत्यखबर, यमुनानगर
आरएसएस की शाखा भारतीय किसान संघ ओर से यमुनानगर में फसल की लागत के आधार पर उचित मूल्य सुनिश्चित ना करने पर जिला सचिवालय पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। किसान संघ के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मनोहर सरकार और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रधानमंत्री के नाम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। बता दें कि 27 नवंबर 2020 से नए कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलनरत है। जहां संयुक्त किसान मोर्चा इन कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और एमएसपी निर्धारित करने की मांग पर अड़ा हुआ है तो वहीं भारतीय किसान संघ नए कृषि कानूनों को कुछ संशोधनों के साथ और एमएसपी निर्धारित करने की मांग करते हुए इन्हें स्वीकार करने को तैयार है। इसी कड़ी में भारतीय किसान संघ के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जिला सचिवालय पर प्रदेश और केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और सरकार की ओर से किसानों के लिए किए गए अपने वायदे को याद करने के लिए मांग उठाई।
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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एमएसपी के नाम पर किसानों को लॉलीपोप देने का काम किया जा रहा है और अन्नदाता को लगातार लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि जब भी किसी फसल की कीमत निर्धारित की जाए तो उसमें किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल किए जाए। साथ ही किसानों के साथ धोखाधड़ी के मामलों से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का निर्माण किया जाए। वहीं जब संयुक्त किसान मोर्चा का साथ ना देने पर भारतीय किसान संघ के नेताओं से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि भारतीय किसान संघ अशांति फैलाने वाले हैं और जिससे देश की आम जनता प्रभावित हो ऐसे संगठनों का साथ नहीं देने वाले।
कृषि कानूनों का सहारा लेकर कई संगठन राजनीति चमकाने और राजनीति में भविष्य तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे संगठनों का भारतीय किसान संघ साथ नहीं देगा। बता दें कि अक्सर भारतीय किसान संघ को संयुक्त किसान मोर्चा बीजेपी का संगठन बताता है लेकिन इसका जवाब देते हुए भारतीय किसान संघ का कहना था कि वे ऐसे किसी भी राजनीतिक दल या संगठन के साथ नहीं हैं जो किसानों के हितैषी नहीं हैं। क्योंकि वे किसान हैं और किसानों के हित में काम करने वाले संगठनों का ही साथ देंगे, लेकिन बीजेपी सरकार को नए कृषि कानूनों में संशोधन और एमएसपी निर्धारित करनी चाहिए और देश के अन्नदाता के साथ आय दोगुनी करने के वायदे को पूरा करना चाहिए।
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