हरियाणा

भौंडसी जेल में ‘कदम मिलाकर चलना होगा‘ कार्यक्रम का आयोजन

सत्यखबर गुरूग्राम (मुकेश बघेल) – जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा मानसिक रोगियों को ईलाज की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए शुरू किए गए प्रोजैक्ट- ‘कदम मिलाकर चलना होगा‘ के तहत आज जिला जेल भौंडसी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सदस्य सचिव एवं चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह ने किया।

भौंडसी जेल में बंदियों को संबोधित करते हुए नरेंद्र सिंह ने कहा कि कई बार व्यक्ति को मानसिक बीमारी हो जाती है और उसे पता ही नहीं होता या फिर पता होता है तो वह बताने में संकोच करता है कि कहीं उसे लोग पागल ना कहने लग जाएं। उन्होंने कहा कि अन्य रोगों की तरह हमारा दिमाग भी रोगग्रस्त हो सकता है और बाकी शरीर के हिस्सों की तरह बीमार होने पर इसका भी ईलाज करवाना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि जेल में आने के बाद व्यक्ति का दिमाग कुछ ना कुछ सोचता रहता है जिससे उसे मानसिक विकृति हो जाती है। बंदियों में ऐसे मानसिक विकृति वाले लोगों की पहचान करने और उनकईलाज करने के लिए आज का यह कार्यक्रम यहां आयोजित किया गया है।

उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा शुरू किए गए इस एक सप्ताह के ‘कदम मिलाकर चलना होगा‘ प्रोजैक्ट के तहत आज का दिन भौंडसी जेल के बंदियों के लिए निर्धारित किया गया है। इस प्रोजैक्ट के तहत आपको मानसिक विकृतियां पैदा होने के कारणों तथा उनके निदान के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ जरूरतमंद को ईलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में मनोरोग विशेषज्ञ डा. पिंकी गोस्वामी, नागरिक अस्पताल गुरूग्राम के मनोरोग विशेषज्ञ डा. अजीत सिंह व डा. रविकांत विशेष रूप से पहुंचे हैं।

इस कार्यक्रम में मनोरोग विशेषज्ञों ने मानसिक विकृतियां पैदा होने के कारणों के बारे में विस्तार से बताया। डा. पिंकी गोस्वामी ने बंदियों से सीधा संवाद स्थापित किया और पूछा कि पागल किसे कहते हैं। इसका जवाब भी उन्होंने ही देते हुए कहा कि जिस व्यक्ति का अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रहता उसे समाज पागल कहता है। उन्होंने कहा कि आप भी भावनाओं की वजह से यहां जेल में पहुंचे हैं। भावनाओं में बहकर आवेश में आकर आपने कोई ना कोई अपराध कर दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपनी भावनाओं को वश में रखना आना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस बंदी को लगता है कि उसे मानसिक परेशानी है वह व्यक्तिगत रूप से उनसे अपनी समस्या सांझा कर सकता है और वे उसे हल करने की कोशिश करेंगी।

नागरिक अस्पताल गुरूग्राम के मनोरोग विशेषज्ञ डा. अजीत सिंह ने इस मौके पर कहा कि नशा ज्यादा करने से भी मानसिक विकृति अथवा रोग हो जाता है। उन्होंने कहा कि धुम्रपान करने से व्यक्ति को मुंख, गले तथा फेफड़ो का कैंसर हो सकता है। उन्होंने कहा कि बार-बार नशा लेने से शरीर को उसकी आदत पड़ जाती है और फिर उसे छोड़ना कठिन होता है। कई बार तो नशा नहीं मिलने पर व्यक्ति आक्रमक भी हो जाता है। उन्होंने सभी बंदियों को नशे से दूर रहने की अपील की। डा. रविकांत ने भी अपने विचार रखे और कहा कि अन्य रोगों की तरह मानसिक रोगों का भी ईलाज संभव है इसलिए निःसंकोच होकर अपनी बीमारी के बारे में बताएं ताकि उसका ईलाज किया जा सके।

भौंडसी जेल के अधीक्षक जयकिशन छिल्लर ने कहा कि इस जेल में लगभग 2450 बंदी हैं। उन्होंने कहा कि आमतौर पर तनाव, डिपरेशन आदि मानसिक रोग का कारण बनते हैं और प्राणायाम तथा योग से तनाव पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिमाग का पोषण अच्छे विचार होते हैं, जो संस्कार तथा अच्छी संगत से मिलते हैं। छिल्लर ने कहा कि जेल के बंदी नेशनल ओपन स्कूल से 10वीं कर सकते हैं और जेल परिसर में बनी लाईबे्ररी का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि जेल परिसर में कम्प्यूटर सैंटर, सिलाई-कढाई सिखाने, ब्यूटी पार्लर, पेंटिंग आदि सिखाने की व्यवस्था है। कोई भी बंदी अपनी रूचि अनुसार इन गतिविधियों में भाग ले सकता है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जेल प्रशासन सभी बंदियों को व्यक्ति के रूप में देखता है और उनके अंदर छिपी अच्छाई को पहचानकर उन्हें अच्छा इंसान बनाने की कोशिश करता है।

चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह ने भौंडसी जेल परिसर का निरीक्षण भी किया। इस मौके पर उनके साथ जेल अधीक्षक जय किशन छिल्लर के अलावा, मनोरोग विशेषज्ञ पिंकी गोस्वामी, डा. अजीत सिंह दीवान, डा. रविकांत भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button