डिप्टी सीएम (जिनके पास विकास एवं पंचायत विभाग तथा ग्रामीण विकास विभाग का प्रभार भी है) ने वीरवार को ‘हरियाणा राज्य रोजगार गांरटी परिषद’ की छठी बैठक की अध्यक्षता की और मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बेहतर कार्य करने पर अधिकारियों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक 1,000 करोड़ रूपए मनरेगा के कार्यों पर खर्च होने की संभावना है।
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दुष्यंत चौटाला (जो ‘हरियाणा राज्य रोजगार गांरटी परिषद’ के चेयरमैन भी हैं) ने मनरेगा के मामलों में आई शिकायतों का यथाशीघ्र निपटाने करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी सीईओ शिकायतों को साप्ताहिक मॉनिटर करें।बैठक में जानकारी दी गई कि मनरेगा योजना के तहत हरियाणा सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष में उपलब्धिभरा कार्य करने पर लेबर-बजट पहले 100 लाख कार्य-दिवस से बढ़ाकर 140 लाख कार्य-दिवस किया गया और फिर 5 जनवरी 2021 को संशोधित करके 146 लाख कार्य-दिवस किया गया जो कि पिछले वर्ष की तुलना में करीब ढ़ाई गुणा है। चालू वित्त वर्ष में 20 जनवरी 2021 तक जहां 722.39 करोड़ रूपए मनरेगा योजना के अनुसार खर्च किए जा चुके हैं वहीं 31 मार्च 2021 तक पात्र मनरेगा मजदूरों को 1,000 करोड़ रूपए की मजदूरी देने की संभावना है।
– डिप्टी सीएम ने संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने विभाग में और अधिक मनरेगा कार्य करवाने के भी दिए निर्देश
इस योजना के तहत करवाए जाने वाले कार्यों की अधिकारियों ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम-पंचायत के भवन, सूखा व बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव के कार्य, जमीन सुधार, सुक्ष्म सिंचाई, खेल का मैदान, पारंपरिक जल निकायों की मरम्मत, ग्रामीण संपर्क व पेयजल, जल संरक्षण के कार्यों समेत गरीब लोगों के पशुओं के लिए शैड आदि के विभिन्न कार्य किए गए। इनमें से अभी तक 8716 कार्य पूर्ण हो चुके हैं जबकि 24,664 कार्य चल रहे हैं।
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उपमुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी, शिक्षा, लोक निर्माण (भवन एवं सड़के), हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, महिला एवं बाल विकास विभाग, वन, पशुपालन, कृषि एवं बागवानी समेत कई अन्य विभागों द्वारा मनरेगा के तहत किए गए खर्च की समीक्षा करते हुए सभी अधिकारियों को अपने-अपने विभाग में और अधिक कार्य करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने उक्त योजना के तहत पंचायतों के सोशल-ऑडिट की भी समीक्षा की, इसमें जानकारी दी गई कि प्रथम चरण में 659 ग्राम पंचायतों का और द्वितीय चरण में 753 ग्राम पंचायतों का सोशल-ऑडिट किया गया, 31 मार्च 2021 तक तीसरे चरण में 1485 ग्राम पंचायतों का सोशल-ऑडिट कर दिया जाएगा।
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