सत्यख़बर डेस्क
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि CISF के जवानों ने बंगाल में चुनाव के दौरान नागरिकों को सीने में गोली मार दी। इस घटना को नरसंहार कहते हुए, ममता ने कहा कि सीआईएसएफ एक औद्योगिक सुरक्षा बल था, भीड़ को नियंत्रित करने का कोई अनुभव नहीं था, इसलिए CISF को तैनात करना बिल्कुल ही गलत था।
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रविवार के दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, ममता ने कहा कि,” सभी बाहरी लोगों ने गोलीबारी की थी। नियम यह है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहले लाठी का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यहां केंद्रीय सैनिकों ने नागरिकों को सीधे सीने में गोली मार दी।”
“मै ने पहले ही कहा था कि केंद्रीय बलों का उपयोग केवल नागरिकों को डराने के लिए किया जा रहा है। लोग इस पूरे नरसंहार का जवाब मतदान से करेंगे।” चुनाव आयोग पर निशान दागते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि,” कूचबिहार में राजनेताओं के प्रवेश पर चुनाव आयोग द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था, जो केवल सीआईएसएफ द्वारा नागरिकों की हत्या का जो हादसा हुआ उसके सबूतों को दबाने और मामले को आगे बढ़ने से रोकने के लिए लगाया गया था।”
अंत में ममता ने यह भी कहा कि, “भले ही कूच बिहार में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, पर मैं उस साइट का दौरा करूंगी जहां घटना हुई थी और घटना के पीड़ितों के परिवार से भी मिलूंगी ।” वे 14 अप्रैल को घटना स्थल का दौरा करेंगी ऐसा माना जा रहा है।
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