सत्यखबर, नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस को लंबे समय से छका रहा काला जठेड़ी अनुराधा उर्फ रिवाल्वर रानी के चक्कर में आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। हालांकि उसने हुलिया बदलकर सिख का बना लिया था। वह मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता था। लगातार ठिकाना और गाडिय़ां बदलता था। रिवाल्वर रानी उर्फ अनुराधा के साथ लिव-इन में रहने के दौरान उसके बारे में पुलिस को इनपुट मिलने लगे, जिसकी मदद से आखिरकार, वह गिरफ्तार हो गया। पुलिस ने इनके पास से पति-पत्नी की आईडी भी बरामद की है।
डीसीपी मनीषी चंद्रा ने बताया कि काला जठेड़ी फ रारी के बाद से भारत के अलग-अलग राज्यों में छिपकर रह रहा था। पुलिस को गच्चा देने के लिए उसके गुर्गों ने यह अफ वाह फैलाई कि वह विदेश चला गया है। वास्तव में वह 12 अलग-अलग राज्यों में छिपकर रह रहा था। वह थोड़े दिनों में ही ठिकाना और गाड़ी बदल लेता था।
उसने हुलिया सिख व्यक्ति जैसा बना लिया था। वह हमेशा मास्क और चश्मा लगाता था ताकि कोई पहचान न कर सके। उसने पुनीत भल्ला के नाम से आईडी और पूजा भल्ला के नाम से अनुराधा की आईडी बना ली थी। वह खुद को पति-पत्नी बताते थे। इन सबके बावजूद स्पेशल सेल उस तक पहुंचने में कामयाब रही।
डीसीपी मनीषी चंद्रा के अनुसार यह गैंग कई राज्यों में गठजोड़ बना चुका था। पंजाब-हरियाणा में लारेंस बिश्नोई, हरियाणा का सूबे गुर्जर और राजस्थान का आनंदपाल एनकाउंटर में मृत के जरिये यह पूरा नेटवर्क चल रहा था। वहीं आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद से उसकी गर्ल फ्रें ड अनुराधा फ रार चल रही थी। राजस्थान पुलिस को उसकी तलाश थी। इसी के चक्कर में काला जठेड़ी भी पुलिस के काबू में आ गया।
बता दें कि काला जठेड़ी को जब 2012 में गिरफ्तार किया गया था तो उसके खिलाफ 34 आपराधिक मामले दर्ज थे। उसका साथी वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा थाइलैंड से ऑपरेट कर रहा है। सतेंद्रजीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार कनाडा, जबकि मोंटी यूके से ऑपरेट कर रहा है। इनका गैंग जबरन उगाही के अलावा हथियार एवं शराब की तस्करी में भी लिप्त था। दो साल के भीतर इस गैंग ने 20 से ज्यादा लोगों की हत्या को अंजाम दिया है। जीटीबी से कुलदीप उर्फ फ ज्जा को फ रार करवाने में भी काला जठेड़ी मुख्य साजिशकर्ता था।
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