सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
मिड-डे मिल वर्कर्स यूनियन की महिलाओंं ने सरकार द्वारा अनदेखी किए जाने के विरोध में प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। यूनियन प्रधान कृष्णा व सर्व कर्मचारी संघ के खंड सचिव दलेल राणा ने संयुक्त रूप से बताया कि कोरोना महामारी के चलते खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत मिड डे मिल योजना के तहत बच्चों को सूखा राशन पहुंचाने का काम मिड डे मिल वर्करों द्वारा किया जा रहा है, बावजूद उन्हेें स्कूल बंद होने की वजह से किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया जा रहा। इसके अतिरिक्त उन्हें सुरक्षा के उपकरण भी उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया क सरकार द्वारा केवल एक हजार मानदेय दिया जा रहा है। उन्होंने मांग-पत्र में जिक्र करते हुए कहा कि उनका न्यूनतम वेतन 7500 किया जाए, मिड डे मिल वर्कर्स के परिवार को 10 किलो प्रति व्यक्ति के हिसाब से राशन दिया जाए, मानदेय पूरे वर्ष दिया जाए, 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार वर्कर्स नियमित हों, न्यूनतम वेतन व पैंशन दी जाए, मिड डे मिल वर्करों को मनरेगा मेें भी काम दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर उनकी समस्याओं बारे समाधान नहीं किया गया, तो वो राज्य स्तर पर आंदोलन करेंगी। इस अवसर पर अंगूरी, बबली, मैना, कमलेश, मुकेश, चंद्रपति, सीमा, रानी, सतबीर सहित अनेक मिड डे मिल वर्कर मौजूद रहीं।
Scrap aluminium marketing Aluminium scrap electrolysis Bronze scrap recycling