सत्य खबर, चंडीगढ़, रिजवान अहमद
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रो के सफाई कर्मचारियों के हित व उनका आर्थिक विकास करने के मकसद से घोषणाओं का पिटारा खोल दिया। मुख्यमंत्री ने रविवार को करनाल की कालीदास रंगशाला में आयोजित सफाई मित्र उत्थान सम्मेलन को सम्बोधित किया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रो के सफाई कर्मचारियों के हित व उनका आर्थिक विकास करने के मकसद से रविवार को करनाल की कालीदास रंगशाला में आयोजित सफाई मित्र उत्थान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए घोषणा की कि अब गांव में सफाई का काम करने वाले को साढे 12 हजार रूपये से बढक़र 14 हजार रूपये तथा शहरी सफाईकर्मी को 15 हजार की बजाए 16 हजार रूपये व सीवरेज मैन को 10 हजार रूपये की बजाए 12 हजार रूपये मासिक वेतन मिलेगा। वेतन विलम्ब से नहीं, हर माह समय पर मिलेगा, इसकी सुनिश्चितता के लिए उन्होंने कहा कि देरी की स्थिति में सरकार की ओर से उपायुक्त को दी गई 1 करोड़ रूपये की राशि में से सफाई कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जाएगा। फिर भी यदि किसी कारण से तनख्वाह समय पर नहीं मिलती तो वह अगले महीने 500 रूपये हर्जाना लगाकर मिलेगी। यही नहीं वित्त विभाग में सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह के लिए जिस बजट का प्रावधान है, उसे ओर किसी कार्य पर खर्च नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सीवरेज की सफाई का काम जोखिम भरा है, इससे सुरक्षा के लिए प्रदेश के रेवाड़ी व गुरूग्राम से एक नई तकनीक का इस्तेमाल शुरू हो गया है। इस व्यवस्था के तहत अब सभी सीवर मेन होल में सेंसर लगाए जाएंगे, ओवर फ्लो होने पर उसका सम्बंधित कार्यालट में अलर्ट आएगा और मशीन से उसकी सफाई सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने बताया कि सीवर में काम करते समय व्यक्ति की मृत्यु होने पर सरकार की ओर से 10 लाख रूपये बीमा राशि का लाभ दिया जाता है, अब सीवर से अलग डयूटी पर सफाई कर्मचारी की मृत्यु होने पर प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा योजना के तहत 5 लाख रूपये का बीमा लाभ मिलेगा, जबकि सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रूपये की बीमा राशि मिलेगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि नियमानुसार एक्सग्रेशिया का लाभ नियमित कर्मचारी को मिलता है, भविष्य में यह लाभ ऑन रोल पर लिए गए सभी सफाई कर्मचारियों को मिलेगा। एक लाख 80 हजार रूपये सालाना आय वाले सफाई कर्मचारी अपने बच्चें की पढ़ाई के लिए बैंकों से बिना किसी गारंटी के ऋण ले सकेंगे, यदि किसी कारण से व्यक्ति ऐसे ऋण की अदायगी करने में असमर्थ हो जाए, तो उसकी भरपाई सरकार करेगी। सीवर मैन को प्रशिक्षित करेंगे और प्रमाण पत्र हासिल करने वाला ही सीवर की सफाई करेगा।
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