सत्य खबर,चरखी दादरी
मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का एक फिर समर्थन किया है। चरखी दादरी की सांगवान खाप चालीस के प्रधान सोमवीर सांगवान के पत्र के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं आपको और खाप पंचायत के लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि कभी आप लोगों का साथ नहीं छोड़ूंगा।
उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को ये बताने की कोशिश की है कि वो गलत रास्ते पर हैं और किसानों को दबाने, डराने और धमकाने का प्रयास ना करें। मैंने ये भी कहा है कि किसानों को दिल्ली से खाली हाथ ना लौटाएं। मैं मई महीने के पहले सप्ताह में दिल्ली आ रहा हूं और इससे संबंधित सभी नेताओं से संपर्क करके किसानों के पक्ष में उन्हें सहमत करने की कोशिश करूंगा।
आपको बता दें कि सांगवान खाप चालीस के प्रधान सोमवीर सांगवान ने सत्यपाल मलिक को एक पत्र लिखा था। इसके जवाब में मलिक ने लिखा कि आपने अपने लेटर में संसद में पारित कृषि से जुड़े तीन कानूनों के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया है। देश के किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से एक शानदार और लंबी लड़ाई लड़ी है। इस लड़ाई में आपने करीब 300 किसान साथियों को खोया है। सरकार का रवैया निर्दयतापूर्ण और निंदनीय है। इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी केंद्र सरकार ने एक बार अफसोस तक जाहिर नहीं किया।
सरकार ने किसानों से कोई संवाद ना करते हुए, उनके आंदोलन को तोड़ने और बदनाम करने का प्रयास किया है। मैं सभी किसानों को शाबासी देना चाहता हूं। वो सरकार के छलावे में ना फंसें और अपनी एकता कायम रखें। खाप पंचायत और आपकी मुझसे जो अपेक्षा है, मैं उस सिलसिले में अपने स्तर पर काफी प्रयास कर चुका हूं।
मैंने किसान आंदोलन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात की और उन्हें सुझाव दिया कि वो किसानों की जायज मांग को मानकर उनके साथ न्याय करें। मैंने मीटिंग में स्पष्ट किया है कि किसानों के आंदोलन को नहीं दबाया जा सकता है। केंद्र सरकार को हल निकालते हुए उनकी मांग मान लेना चाहिए। मैं आगे भी इस तरह की कोशिश करता रहूंगा। इसके लिए जो भी हो सकेगा मैं करूंगा।
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गौरतलब है कि एक महीने पहले भी सत्यपाल मलिक ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि अगर केंद्र सरकार फसलों पर MSP की कानूनी गारंटी देती है, तो किसानों को राहत मिलेगी। अपने गृह जिले बागपत में उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अपील करते हुए कहा था कि किसानों का अपमान ना किया जाए।
साथ ही इस दौरान मलिक ने 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसान नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी रोकने का भी दावा किया था। उन्होंने कहा था कि कोई भी कानून किसानों के पक्ष में नहीं है।
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