सत्य खबर, न्यूयॉर्क । यूक्रेन मानवीय हालात के समाधान को लेकर रूस ने युनाइटेड नेसंश में प्रस्ताव पेश किया, जिसके समर्थन में वोट करने से भारत ने दूरी बनाई है। भारत ने पश्चिमी देशों का साथ देते हुए इस प्रस्ताव पर वोट नहीं किया। इस प्रस्ताव का अधिकतर देशों ने विरोध किया और रूस को यूक्रेन पर हमले का जिम्मेदार बताया। भारत के साथ यूएई ने भी पश्चिमी देशों का साथ देते हुए रूस के प्रस्ताव पर वोट नहीं किया। इस प्रस्ताव पर सिर्फ रूस और चीन ने ही रूस के समर्थन में वोट किया, जबकि 13 देशों ने इस प्रस्ताव से दूरी बना ली।
वहीं रूस के इस प्रस्ताव पर अमेरिका ने तीखी टिप्पणी की। यूएन में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि रूस ने युद्ध छेड़ा, उसने ही हमला किया और उसने ही यूक्रेन में घुसपैठ की, यूक्रेन में लोगों पर अत्याचार का एकमात्र जिम्मेदार देश रूस है। अब ये लोग चाहते हैं कि हम उस प्रस्ताव को पास करें जो इनकी क्रूरता को भी स्वीकार ना करे। रूस की ओर से यह बेहद गैरजिम्मेदाराना कदम है, यह रूस की बेशर्मी है कि उसने यह प्रस्ताव पेश किया है कि यूक्रेन में मानवीय संकट का अंतरराष्ट्रीय समुदाय समाधान निकाले जिसके लिए सिर्फ खुद रूस ही जिम्मेदार है।
वहीं ब्रिटेन की राजदूत बार्बरा वुडवर्ड ने कहा कि अगर रूस मानवीय स्थिति की परवाह करता है तो वह बच्चों पर बमबारी करना बंद करे, बजाए इस तरह की चाल चलने के। लेकिन इन लोगों ने बमबारी बंद नहीं की है। बता दें कि रूस के प्रस्ताव का सिर्फ चीन ने समर्थन किया। उसने इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया। चीन ने कहा कि यूएनएससी को यूक्रेन में मानवीय संकट का हल निकालने में भूमिका निभानी चाहिए। चीन के स्थायी प्रतिनिधि झैंग जुन ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। बता दें कि यूएनएससी में प्रस्ताव को पास होने या खारिज होने के लिए कम से कम 9 वोट चाहिए होते हैं लेकिन रूसी प्रस्ताव पर सिर्फ रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने वोट किया, जिसकी वजह से इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया।
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