सोनीपत: काेरोना के कारण प्रभावित हुई शैक्षणिक व्यवस्था के मद्देनजर अब सीबीएसई की तर्ज पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने भी विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। पहले 30 प्रतिशत सिलेबस कम किया और अब सवालों के पैटर्न में भी राहत दे दी है। अब नए पैटर्न के अनुसार 40 फीसदी तक अंक बहु विकल्पीय प्रश्नों के आधार होंंगे। नए पैटर्न को लेकर विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए स्कूल प्रिंसिपल विद्यार्थियों को व्यवहारिक जानकारी दे रहे हैं, जिससे परीक्षा में विद्यार्थी परेशान नहीं हो।
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हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने ऑनलाइन कोविड-19 परीक्षा करवाई थी। जो कि मल्टीपल च्वाइस बेस प्रश्नों पर आधारित थी। अब नया बदलाव उसी को आधार मानकर किया जा रहा है। जिसके तहत सेकेंडरी, सीनियर सेकेंडरी के साथ-साथ नौंवी और 11वीं की कक्षाओं में भी बहु विकल्पीय प्रश्नों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। मगर 30 फीसदी सिलेबस कम करने के बाद तय 70 फीसदी सिलेब्स के तहत इस नए सिस्टम पर विचार किया जा रहा है।
पहले 30% सिलेबस कम किया, अब सवालों के पैटर्न में भी राहत
प्राध्यापक अतुल खट्टर ने बताया कि 10वीं और 12वीं में अंग्रेजी में रीडिंग स्किल्स का भाग ए जो कि 40 अंकों का होता है, उसे बहु विकल्पीय प्रश्नों पर आधारित बनाया जा रहा है। इसी तरह हिंदी में भी भाग अ बहु विकल्पीय प्रश्नों पर आधारित हो सकता है। इन्हीं की तर्ज पर अन्य विषयों में भी बच्चों को बहु विकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से राहत देने की योजना है।
प्रतियोगी परीक्षाओं को भी बनाया जा रहा आधार
स्कूल प्रिंसिपल जगजीत सिंह ने बताया कि अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाएं बहु विकल्पीय प्रश्नों के आधार पर होती है। ऐसे में बोर्ड प्रशासन की योजना है कि बच्चों को इसके लिए पहले से ही तैयार किया जाए। साथ ही भविष्य में कोविड-19 जैसी महामारी की स्थिति में ऑनलाइन परीक्षाएं ली जा सके। इसके लिए बोर्ड पहले से ही तैयारियों में जुट गया है।
विद्यार्थियों को राहत देने की है कोशिश
विभाग के शैक्षणिक कैलेंडर में पढ़ाई के 220 दिन तय होते हैं मगर 5 माह से ज्यादा कोविड-19 के चलते खराब हो चुके हैं। हालांकि अब ऑनलाइन कक्षाएं लग रही हैं। मगर सभी विद्यार्थियों के पास सुविधाएं न होने से विद्यार्थी शिक्षा से दूर हैं। विद्यार्थियों की पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सहज परीक्षा के मूड में है, ताकि बच्चों और शिक्षकों पर सिलेबस पूरा कराने का दबाव न पड़े- नवीन गुलिया, डिप्टी डीईओ, सोनीपत।
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