सत्यखबर चंडीगढ़, (ब्यूरो रिपोर्ट) – विधानसभा के लिए मतदान से ठीक पांच दिन पहले प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे व वरिष्ठ नेता डॉ. अशोक तंवर ने अपने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ युवा राजनीति के ध्वजवाहक व जेजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला की जेजेपी को सर्मथन देने घोषणा की है। उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला प्रदेश में 36 बिरादरी को साथ लेकर चल रहे हैं और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए मेरा पूरा समर्थन उनके साथ है। यह घोषणा डॉ. अशोक तंवर ने यहां नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में की। पत्रकार वार्ता में जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला भी मौजूद थे। अशोक तंवर ने प्रदेशवासियों से अपील की कि आज जिस तरह से प्रदेश के हालात खाराब हो रहे है, उन्हें बदलने के लिए 36 बिरादरी एक होकर मजबूती के साथ जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री बनाने का काम करे।
पांच साल तक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और सिरसा से सांसद रहे डॉ. अशोक तंवर द्वारा कुछ रोज पहले कांग्रेस छोड़ दी थी। डा. तंवर व उनके समर्थकों द्वारा बुधवार को विधानसभा चुनावों में जेजेपी को समर्थन देने की घोषणा से एक ओर जहां हरियाणा की राजनीति में नए चुनावी समीकरण बन गए हैं वहीं दूसरी ओर दुष्यंत और डा. अशोक तंवर की सियासी जुगलबंदी ने कांग्रेस व भाजपा को बैकफुट पर ला दिया है।
हरियाणा में 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान से ठीक पांच दिन पहले प्रदेश की सियासत में आए इस नए मोड़ ने प्रदेश की चुनाव के समीकरण एक बार फिर बदल दिए हैं। बरसों तक कांग्रेस से जुड़े रहे डॉ. अशोक तंवर हरियाणा में जमीन से जुड़े नेता हैं और उन्होंने कड़ी मेहनत करके प्रदेश के हर हलके गांव कस्बे में अपना रसूख बनाया और वे कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़ने में कामयाब रहे। विधानसभा चुनावों का बिगुल बजने के बाद जनता के अभूतपूर्व समर्थन के चलते जेजेपी सत्ता की दौड़ में शामिल हो गई थी और अब राहुल गांधी के नजदीकियों में गिने जाने वाले अशोक तंवर के दुष्यंत के साथ खड़े हो जाने से जेजेपी के हाथ सत्ता की चाबी लगती दिख रही हैं।
दुष्यंत चौटाला और डॉ. अशोक तंवर की जुगलबंदी चुनाव में उतरी राजनैतिक पार्टियों के लिए सिर दर्द बन सकती हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई है कि दो युवा नेताओं के बीच की यह पॉलिटिकल केमिस्ट्री सत्तारूढ़ दल को पछाड़ कर सत्ता के शिखर पर जेजेपी को विराजमान कर दे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि वोटिंग के लिए बचे मुठीभर पांच दिनों में अन्य दलों के लिए इस नए गठजोड़ की काट ढूंढना खाला जी का घर नहीं है। प्रदेश की सरकार बनाने के लिए हो रहे इन चुनावों में नई जुगलबंदी जातिगत समीकरणों को एक नए सिरे से परिभाषित करगी जिसका सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ना स्वाभाविक है।
डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि मैंने अपने साथियों के साथ सलाह मशविरा करने के बाद विधानसभा चुनावों में जननायक जनता पार्टी को समर्थन देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अच्छे लोगों का हम समर्थन करेंगे और मैं अंहिसवादी हूं और मेरी यह मुहिम केवल विधानसभा चुनावों तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि दुष्यंत को मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रदेश की सभी 36 बिरादरी का साथ देना चाहिए और मेरा उनको पूरा समर्थन है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घमंड चूर-चूर होने जा रहा है और वह प्रदेश में तीसरे व चौथे नंबर की लड़ाई लड़ रही है। कांग्रेस में मेहनती कार्यकर्ताओं की अनदेखी हुई है। जो अत्याचारी है, पापी है उसके खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे।
जेजेपी को समर्थन देने के लिए दुष्यंत चौटाला ने कहा- थैक्स डा. अशोक तंवर। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ये साथ केवल असेंबली इलेक्शन तक नहीं रहेगा बल्कि आगे भी देशभर में घूम-घूम कर सहयोग जुटाया जाएगा। आज लड़ाई केवल हरियाणा की नहीं बल्कि पूरे देश में घूम कर राष्ट्री निर्माण की है जो कि अब थमने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि संत रविदास मंदिर मामले में आज भी 96 लोग तिहाड़ जेल में बंद हैं जिनमें से 55 अकेले हरियाणा से हैं। अफसोजनक बात यह है कि केंद्र सरकार ने कभी इसके घटना के लिए खेद भी नहीं जताया।
दुष्यंत के साथ जेजेपी प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में जुटे तंवर
नई दिल्ली में जननायक जनता पार्टी को समर्थन का ऐलान कर चुके डॉ. अशोक तंवर अब दुष्यंत चौटाला के साथ जेजेपी के चुनाव प्रचार के मैदान में उतर गए है। वे दुष्यंत चौटाला के साथ प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जेजेपी प्रत्याशियों के होने वाली जनसभाओं में जा रहे है और दुष्यंत को मुख्यमंत्री बनाने के लिए जेजेपी प्रत्याशियों को विजयी बनाने की अपील कर रहे है। दुष्यंत चौटाला 19 अक्टूबर तक प्रदेश भर में एक दर्जन से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार में जाएंगे।
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