सत्य खबर, यमुनानगर, सुमित ओबेरॉय
एक तरफ केंद्र सरकार नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च रही है वही यमुनानगर में यमुना सेवा समिति के प्रयासों से स्वच्छ और निर्मल यमुना नदी की धारा दूषित हो रही है। दरअसल कनालसी गांव से यमुना,सोम नदी और थपाना नदी का संगम होता है। यमुना सेवा समिति के प्रयासों से यहाँ से निकल रही यमुना का जल इतना स्वच्छ और निर्मल है कि नदी से आरपार सब शीशे की तरह नजर आता है।लेकिन नदी के बीच से खनन सामग्री के वाहन निकलते है जिससे स्वच्छ यमुना दूषित हो रही है इससे ग्रामीणों ने सरकार से सोम नदी पर अस्थाई पुल बनाने की मांग की है। जिससे वाहन नदी के बीच से नही निकलेंगे।और ग्रामीणों की मेहनत से स्वच्छ बह रही नदी की धारा दूषित न हो और जलीय जीवजन्तु भी सुरक्षित रहे। ग्रामीणों का कहना है कि अवैध खनन के चलते यहां आज से दस साल पहले जो पक्षियों की प्रजातियां थी वो लुप्त होती जा रही है।सरकार इस और ध्यान दे नही तो ये स्वच्छ निर्मल धारा पूर्णतः दूषित हो जाएगी जिसकी स्वच्छता की तारीफ लंदन और विदेशों से आये कई शोधकर्ताओ ने की है। यमुना सेवा समिति के अध्य्क्ष किरण पाल राणा ने बताया कि हमने अपना पर्यावरण बचाने के लिए और जलीय जीव बचाने के लिए प्रयास किया और यहाँ से कई किलो मीटर तक यमुना की स्वच्छ और निर्मल धारा बह रही है।
इसलिए हमारा सरकार से एक ही निवेदन है स्थाई या अस्थाई कोई जो भी संभव हो सके वह पुल सोम नदी पर बनाया जाए। जिससे कि जलीय जीव और जो हमारे पक्षी है वह आराम से रह सके और उनकी प्रजातियां बढ़ सके।रात को भी दिन को भी खनन सामग्री के जो वाहन सोम नदी के बीचो-बीच निकल रहे हैं इससे नदी में मौजूद जलीय जीवन नष्ट हो चुके हैं जो आज से 10 साल पहले जलीय जीव पाए जाते थे। वो आज लुप्त हो चुके हैं ।दिन रात यहाँ खनन होने से जो पशु पक्षी रात को आते थे अब वो खनन वाहनों की लाइट्स के डर से नही आते।इसलिए यहाँ सोम नदी पर पुल बनाया जाए।पुल बनने से किसानों को आ रही समस्या भी खत्म होगी ।अब किसानों को आने जाने के लिए कई किलोमीटर का रास्ता तय करके अपने पशुओं के लिए चारा लेने के लिए और करने की आना पढ़ता है जिससे कि हमारा टाइम वेस्ट हो जाता है साथ ही हमारे तेल का खर्चा भी बहुत ज्यादा है हो रहा है क्योंकि अब डीजल बहुत महंगा है। किसान बहुत परेशान है इसलिए यही मांग है कि यहाँ पुल बनाया जाए।
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वही उन्होंने बताया कि जो थपाना नदी है वो एक ऐसी नदी है जो वाटर रिचार्ज करती है और कोई सहायक नदी नहीं मिलती पानी साफ सुंदर आने के बाद हमारी यमुना को साफ सुंदर करती है।और ऐसा निर्मल जल कहीं विश्व में भी देखने को नहीं मिलता ।कई वैज्ञानिकों बार लंदन से आई रिसर्च टीम ने भी इस बारे में भी बताया था ।हमारी थपाना नदी गांव रामपुर,लाकड़, तेलीपुरा मंडोली से होती हुई हमारे गांव कनालसी यमुना में मिल जाती है और सोमनदी को भी अपने साथ ले आती है ।इसके दूषित होने का सबसे बड़ा कारण है अवैध खनन। अवैध खनन से हमारे जो नदी के किनारे से जहां पेड़ पौधे लगे हुए थे। अवैध खनन के कारण कटाव होने से वह नदी नहीं समा चुके हैं। जिससे हमारे जलीय जीव बहुत प्रभावित हुए हैं ।वही उन्होंने कहा कि सरकार नदियों की सफाई पर करोड़ो रुपए खर्च कर रही है और लगातार नदियों के सुधारीकरण के प्रयास जारी है लेकिन कम से कम इस नदी को जो साफ है इसको तो बचाया जा सकता है ।इसलिए सरकार यहाँ सोम नदी पर पुल बनाए जिससे कि यहाँ जलीय जीव और ये तीनो नदिया सुरक्षित रहे जिसको सालों के प्रयास से हमने स्वच्छ किया और उसे जिंदा रखा है। अब देखना होगा कि नदियों को अपने जज्बे और मेहनत से जिंदा रखने वालों की मांग कब पूरी होगी क्योंकि नदी को साफ करने वाले उसे दूषित होता देख कर बहुत दुःखी है।
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