सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
वेदांता इंटरनैशनल स्कूल, कलौदा खुर्द मेें वेबीनार के माध्यम से विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राज्य नोडल अधिकारी, अनिल मलिक ने कहा कि बच्चों की परवरिश का मतलब सिर्फ जरूरतें पूरी करना ही नहीं, बल्कि उनमें संस्कार और अच्छी आदतें विकसित करना भी हैैं। उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि हमेशा शांत मनोभाव से धैर्यशील, सहयोगी, मित्रता पूर्ण व्यवहारिक तौर- तरीकों से घरेलू परंपराएं निर्मित करे। आवश्यकता है बाल्यावस्था से ही बच्चों की गतिविधियों और रुचिओ के मद्देनजर रखते हुए बेहतर व्यक्तित्व निर्माण व सामाजिकरण के मद्देनजर कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान रखते हुए कार्य किया जाए। बाल्यावस्था से ही बच्चों की सोच और नजरिए को सकारात्मक रूप से विकसित करने की आवश्यकता हैै। नैतिक मूल्यों के साथ चरित्र -निर्माण हेतु कार्य कीजिए। बच्चों को शब्दों का महत्व समझाएं, समानुभूति पूर्ण नजरिया अपनाएं, संयुक्त परिवार का महत्व बताएं, परिवार और समाज में बुजुर्गों का अनुभव सांझा करने के अधिकतम अवसर प्रदान करें। सामाजिक प्रतिष्ठा का महत्व समझाएं, बच्चों को अनुशासन सिखाएं, गुणवत्तापूर्ण समय दें, शांत मनोभाव बनाए रखें, अपनी अपेक्षाएं बच्चों पर कभी ना थोपे, हमेशा उनके करीब रहें, प्रेरित करते रहे। वेबीनार के सफल आयोजन में स्कूल निदेशक प्रदीप नैन, चेयरमैन रवि श्योकंद, प्राचार्या वीना डारा व सुपरवाइजर नरेंद्र की भूमिका विशेष रहीं।
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