शरीर को अनावश्यक कष्ट देने का नाम तप नहीं है – डा. सुमन
सत्यखबर सफीदो (महाबीर मित्तल) – राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा के तत्वाधान में आर्य समाज मुआना में चल रहे दो दिवसीय लघु गुरुकुल के दूसरे दिन का प्रारम्भ वैदिक यज्ञ व सन्ध्या के साथ आर्या सुमित्रा ने किया। इसके बाद मुख्य वक्ता डा. सुमन ने लोगों को अष्टांग योग के वास्तविक स्वरुप को विस्तार से बताया। डा. सुमन ने बताया कि अपने शरीर को अनावश्यक कष्ट देने का नाम तप नहीं अपितु किसी श्रेष्ठ उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आने वाले द्वन्द सहन करना तप है।
उन्होंने कहा कि आज हमारा देश जातिवाद, अनेक ईश्वरवाद, धर्मवाद, नशा, अंधविश्वास व आतंकवाद के कारण पतन की और जा रहा है। ऐसे में युवाओं को विद्या ग्रहण व सभी आडम्बरों का त्याग करके राष्ट्र निर्माण में अपने सहभागिता देनी चाहिए। इस मौके पर उपस्थित महिलाओं ने यज्ञोपवित ग्रहण करके सत्यवेद पथ पर आरूढ़ होकर राष्ट्र निर्माण मे सहयोग करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के संयोजक आचार्य नरेंद्रदेव शास्त्री ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। जनपदीय महासचिव सन्दीप आर्य बुढ़ा खेड़ा ने बताया कि दो दिवसीय लघुगुरुकुल राष्ट्र निर्माण में बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहा है और युवाओं में विशेष जागृति पैदा हुई है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से रवि जामनी, जयप्रकाश आर्य, देंवेद्र राणा आर्य, मनोज आर्य, लालचंद आर्य, श्याम सुंदर आर्य, अरविंद आर्य, जेबी आर्य, शांति आर्या, अनिता आर्या व साधना आर्या सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।