कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के विभिन्न बार्डरों पर चल रहे आंदोलन को 26 जून को सात माह पूरे हो जाएंगे। किसान नेताओं एक बार फिर से किसान आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है। आंदोलन को सात महीने पूरे होने के मौके पर आंदोलनकारी किसान 26 जून को देशभर में राजभवन घेराव करेंगे और संबंधित राज्यों में राज्यपालों के आधिकारिक आवासों के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने इस दिन खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन देशभर के सभी राजभवनों पर प्रदर्शन कर नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि 26 जून को ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू की थी। आज भी मोदी सरकार ने भी देश में अघोषित इमरजेंसी लगा रखी है। यहां बोलने की आजादी का भी हनन हो रहा है। किसानों ने कहा किए आंदोलन के पक्ष में बोलने वालों के ट्विटर हैंडल बंद करवाए जा रहे हैं।
उन्होंने ट्रैक्टर टू ट्वीटर और जैजी बैंस के ट्वीटर हैंडल पर कार्रवाई का विरोध जताया। इसके अलावा मोर्चा के नेताओं ने कहा कि आंदोलन स्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर शनिवार तक समिति गठित कर दी जाएगी और इसके नाम और मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक कर दिए जाएंगे। इसके अलावा किसान नेताओं ने हरियाणा के किसी भी गांव में बीजेपी-जेजेपी नेताओं का किसी भी समारोह या कार्यक्रम में शामिल होने का विरोध करने का फैसला किया है। हालांकि हाल ही में किसानों ने इस फैसले को वापस ले लिया था। जिसे फिर से लागू करने की बात कही गई है।
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