हरियाणा

सतासीन के बाद सरकार का दर्जा उंचा हो गया मगर शहीदों को उनका दर्जा भी नहीं दिया जा रहा राजनेताओं को शहीदों से नहीं कुर्सी से है लगाव: विशाल नैयर

सत्यखबर, गोहाना (सुनील जिंदल )

गोहाना में एक कार्यक्रम में पहुंचे शहीद सुखदेव के नाती विशाल नैयर ने मिडिया से बात करते हुए बीजेपी की सरकार पर जम कर निशाना साधाते हुए कहा की सतासीन के बाद सरकार का दर्जा उंचा हो गया मगर शहीदों को उनका दर्जा भी नहीं दिया जा रहा राजनेताओं को शहीदों से नहीं कुर्सी से है लगाव,शहीद भगत सिंह, मदन लाल धींगड़ा, सुखदेव सींग और आजाद शेखर जैसे महान क्रान्तिकारियों को शहीद का दर्जा तक नहीं दिया जा रहा ,सहीद भगत सिंह जैसे लोग देश को आजाद न करवाते तो आज ये कुर्सी पर चिपके राजनेता अंग्रेजों के जूतों को पालिश कर रहे होते,कहा जो भाजपा के नेता इस देश में देशद्रोह और देश भक्त की परिभाषा को परिभाषित करने में जुटे हैं जरा वे ये बताये कि भगत सिंह और राजगुरु तथा सुखदेव का परिवार कंहा रहता है,देश के पीएम मन की बात करते हैं मगर कभी शहीदों की बात क्यों नहीं करते देश को आजादी दिलवाने वाले शहीद सुखदेव सिंह के नाती विशाल नैयर ने कहा कि देश को आजाद हुए छह दशक बीत जाने के बाद भी आज तक शहीद भगत सिंह, मदन लाल धींगड़ा, सुखदेव सिंह और आजाद शेखर जैसे महान क्रान्तिकारियों को शहीद का दर्जा तक नहीं दिया जा रहा। सता में आने से पहले पीएम बने नरेन्द्र मोदी और उनकी कैबिनेट में शामिल वजीरों ने चुनाव के दौरान शहीदों को खूब भूनाया मगर सता में आते ही सबसे पहले शहीदी दिवस पर होने वाले राष्ट्रीय अवकाश को बंद कर दिया। भाजपा सतासीन होते ही अपना दर्जा तो बढ़ा लिया मगर शहीदों को केवल नारों तक सीमित कर दिया। सरकार की कार्यशैली देखकर तो ये महसूस होता है कि अच्छा होता कि भगत सिंह जैसे लोग देश को आजाद न करवाते तो आज ये कुर्सी पर चिपके राजनेता अंग्रेजों के जूतों को पालिश कर रहे होते। हैरानी की बात है कि चंडीगढ़ में बनने वाले एयरपोर्ट का नाम पहले शहीद भगत सिंह के नाम रखने का ऐलान किया और अब बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी रखने की तैयारी की जा रही है विशाल नैयर ने कहा कि जो भाजपा के नेता इस देश में देशद्रोह और देश भक्त की परिभाषा को परिभाषित करने में जुटे हैं जरा वे ये बताये कि भगत सिंह और राजगुरु तथा सुखदेव का परिवार कंहा रहता है। वर्तमान समय में कई शहीदों के परिवार आज भी दो वक्त की रोटी के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। देश के पीएम मन की बात करते हैं मगर कभी शहीदों की बात क्यों नहीं करते

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