पीडब्ल्यूडी महकमे ने चार तसले मसाला डालकर कर दी लीपापोती
रोषित दुकानदार ने कहा: खानापूर्ति नहीं, समस्या का हो स्थाई समाधान
सत्य खबर सफीदों, महाबीर मित्तल: नगर के महाराजा अग्रसैन चौंक पर पिछले 6 महीने से एक सुरंगनुमा गड्डे के मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग ने दूसरी बार खानापूर्ति कर दी है और लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। विभाग का एक अधिकारी व एक मजदूर मौके पर आए और गड्डे में चार तसले बजरी का मसाला डालकर चलते बने। फिर ये लीपापोती किए जाने से यहां के दुकानदारों व वाहन चालकों में भारी रोष देखने को मिला और उन्होंने प्रशासन से मांग की कि समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए। आजतक इस गड्डे का स्थाई समाधान नहीं किया जा रहा है शायद विभाग को किसी बड़े हादसे के होने का इंतजार है।
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गौरतलब है कि बीते वर्ष अक्तुबर माह में महाराजा अग्रसैन चौंक पर धरती पर धंसकर एक बड़ा गड्ढा बन गया। इस बने गड्ढे में झांकने पर दूर तक बड़ी सुरगनुमा खाली स्थान दिखाई पड़ रहा था। उस वक्त आननफानन में लीपापोती करने के लिए पीडब्ल्यूडी महकमे ने इस गड्ढे में थोड़ी सी मिट्टी डाल दी थी। उस वक्त इस गड्डे में एक टै्रक्टर भी फंस गया था। पिछले 6 माह से विभाग यूं ही लापरवाह हुआ बैठा है और उसका परिणाम यह रहा कि यहां फिर से जमीन धंस गई है। यहां के निवासियों का कहना था कि यह गड्डा चारों ओर से खाली है और इसके नीचे गहरी व लंबी सुरंग है। लोगों को डर है कि यहां किसी वक्त बड़ा हादसा घटित हो सकता है। विभाग ने आजतक यह नहीं सोचा कि इस गहरे गड्ढे में दूर-दूर तक दिखाई पड़ रहे सुरंगनुमा खाली स्थान में अगर कोई वाहन चालक या कोई नागरिक गिर गया तो उसका क्या होगा। विभाग ने इस स्थान पर कोई साईन बोर्ड इत्यादि भी नहीं लगाया।
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लोगों का कहना था कि इस सुरंग को खुदवाकर इसे मिट्टी से भरवाने की आवश्यकता है। तकनीकी जानकारों का कहना है कि निश्चित रूप से सीवर के लीक हो जाने की स्थिति में आसपास की मिट्टी बहने से इतना बड़ा गड्ढा सड़क के नीचे की जमीन में हुआ है जिसके कारण की जांच किए बिना और सीवर की लीकेज बंद किए बिना इस समस्या का समाधान संभव नहीं है बल्कि इस तरह गड्ढे को ढक दिए जाने से तो समस्या और गंभीर होगी। पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ अजय कटारिया ने का कहना था कि सड़क के नीचे से जनस्वास्थ्य विभाग की कोई बंद पड़ी पाईप लाइन है जिसमे से थोड़ा-थोड़ा पानी निकलता है जिसकी वजह से सड़क के नीचे से मिट्टी हट जाती है। जल्द ही यहां की खुदाई करवाकर इसका स्थाई प्रबंध किया जाएगा लेकिन उसके विपरित विभाग का जेई अजय व एक कर्मचारी जिसने अपने आप को चौंकीदार बताया मौके पर आए और इस गड्डे का स्थाई समाधान करने की बजाए यहां पर कुछ तसले मसाला डालकर और नौ दो ग्यारह हो गए।
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