हरियाणा

सफीदों से लापता युवक का बुटाना नहर में मिला शव, परिजनों ने लगाया पत्नी पर हत्या का आरोप

सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – मंगलवार की रात से लापता हुए सफीदों शहर के 29 वर्षीय युवक रिंपी भाटिया का शव रोहतक जिले के महम कस्बे के गांव पुट्ठी से गुजर रही नहर में मिल गया है। सफीदों पुलिस शव मिलने की सूचना मिलते ही महम पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर रोहतक पीजीआई ले जाकर उसका पोस्टमार्टम करवाया। बता दें कि नगर के वार्ड नंबर 6 निवासी रिंपी नामक युवक का गायब होना सफीदों में बना चर्चा का विषय बना हुआ था और गायब होने के पीछे किसी अनहोनी की आशंका जताई जा रही थी। अनहोनी की आशंका उस वक्त हकीकत में बदल गई जब उसका शव महम के पास नहर में मिला।

नगर के वार्ड नम्बर 6 से संदिग्ध परिस्थितियों में दंपत्ति के गायब होने की शिकायत रिंपी की मां शांति देवी की तरफ से पुलिस को मिली थी। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पत्नी पायल को बरामद कर लिया है। पुलिस को पायल पर कुछ शक हुआ और उससे सख्ती से पूछताछ की। पूछताछ में पायल ने पुलिस को बताया कि उसने अपने दो साथियों पवजीत उर्फ करण वासी सफीदों व हैप्पी वासी पानीपत के साथ मिलकर अपने पति रिंपी की हत्या करके उसे बुटाना ब्रांच नहर में फेंक दिया है। पत्नी की बात सामने आने से पुलिस ने दोनों युवकों को धर-दबोचा और उनसे भी पूछताछ की।

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पूछताछ में उन्होंने बताया कि उन्होंने ही ईंट मारकर रिंपी की हत्या करके नहर में फेंका था। इस बात का खुलासा होने के बाद पुलिस ने बुटाना ब्रांच नहर में रिंपी की तलाश शुरू की थी और तलाशी के दौरान रिंपी का शव महम के पास गांव पुट्ठी से गुजर रही नहर में मिल गया। पुलिस ने इस मामले में मृत्तक युवक की पत्नी पायल भाटिया और उसके दोनों साथियों पवजीत उर्फ करण वासी सफीदों व हैप्पी वासी पानीपत के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। समाचार लिखे जाने तक युवक का शव सफीदों नहीं पहुंच पाया था।

कलयुगी पायल के कारण विधवा मां शांति देवी की उजड़ गई दुनिया
अपने इकलौते लाडले बेटे रिंपी की हत्या के बाद उसकी विधवा मां शांति देवी की दुनिया ही उजड़ गई है। शांति देवी के पति रामशण भाटिया की मौत हो चुकी है और घर को चलाने वाला एकमात्र रिंपी ही था। कहा जाता है कि बुढापे का सहारा उसकी औलाद ही होती है लेकिन कलयुगी पुत्रवधू पायल के कारण उसके बुढ़ापे का एकमात्र सहारा भी चला गया। मां शांति देवी का रो-रोकर बुरा हाल है और रह-रहककर अपने लाड़ले को याद कर रही है।

शांति देवी को खाली घर काटने को दौड़ता है क्योंकि उसकी आंखों का तारा अब इस दुनिया में नहीं है। मृतक की दो लड़कियां दादी से पूछ रही हैं कि पापा कहां है और पापा घर कब आएंगे लेकिन दादी के पास उसके प्रश्रों के कोई जवाब नहीं है और वह केवल उनको दिलासे ही दे रही है। घर को चलाने वाला इकलौता रिंंपी ही था जो मोबाईल का काम करके अपने परिवार का गुजर-बसर कर रहा था लेकिन आज घर में कमाने वाला कोई नहीं रहा है। मृत्तक की मां शांति देवी कहती है कि पति-पत्नी के बीच कुछ अनबन अवश्य रहती थी लेकिन उसे यह नहीं पता था कि कलयुगी पायल उसकी हत्या को अंजाम दे देगी और उसके इकलौते सहारे को उससे छिन लेगी। शांति देवी रो-रोकर अपने बेटे के लिए इंसाफ की मांग कर रही है।

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